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सीजेआई एनवी रमना ने यूएई में कहा- 175 लोगों के प्रत्यर्पण में लाए तेजी

अबू धाबी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई एनवी रमना बताया कि यूएई के कानून मंत्री से चर्चा के दौरान करीब 175 लोगों के प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत हुई.

Chief Justice Justice NV Ramana, United Arab Emirates: भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर हैं. इस दौरान सीजेआई ने यूएई के कानून मंत्री से मुलाकात कर कई मानवीय मुद्दों पर चर्चा की है. गुरूवार यानी आज अबू धाबी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि यूएई के कानून मंत्री से चर्चा के दौरान करीब 175 लोगों के प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत हुई, इससे जुड़े लंबित आदेशों पर तेजी लाने को लेकर प्रयास करने पर भी चर्चा की गई.

सीजेआई ने क्या कहा?

आपको बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने अपने संबोधन में कहा कि आज उन्होंने यूएई के कानून मंत्री के साथ कुछ मुद्दों पर चर्चा की. जिसमें लगभग 175 लोगों के प्रत्यर्पण लंबित आदेश पर गौर करने और इन प्रत्यर्पण आदेशों में तेजी लाने का प्रयास को लेकर यूएई के कानून मंत्रालय को प्रयास करने और इसका प्रतिनिधित्व करने पर चर्चा हुई.

क्या होती है प्रत्यर्पण की प्रकिया?

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में एक देश से ऐसे लोगों को वापस करने का अनुरोध किया जाता है जिसे अनुरोध करने वाले देश की अदालत ने दोषी ठहराया हो. इस में शर्त ये होती है कि वो अपराध उस देश की अदालत द्वारा न्यायोचित ठहराया गया हो.

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भारत में क्या है प्रत्यर्पण कानून

भारत में भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण को लेकर भारतीय प्रत्यर्पण अधिनियम, 1962 है. जिसके तहत इसे नियंत्रित किया जाता है. इसमें भारत लाने और भारत से विदेश में ले जाने दोनों ही तरह के व्यक्तियों को प्रत्यर्पित किया जाता है. हालांकि भारत और किसी दूसरे देश के बीच प्रत्यर्पण को लेकर संधि हो सकती है. बता दें अभी के समय में भारत का 40 से ज्यादा देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है और 11 देशों के साथ प्रत्यर्पण समझौता है.

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