सूरज की ओर से धरती से टकराने आ रहा पुच्छल तारा, आप भी देख सकेंगे ये खगोलीय घटना

धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है एक विशाल धूमकेतू. यह धूमकेतू हमारे सूरज की और से पृथ्वी की और बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 27 मई को यह धरती के सबसे ज्यादा करीब होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2020 2:00 PM

धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है एक विशाल धूमकेतू. यह धूमकेतू हमारे सूरज की और से पृथ्वी की और बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 27 मई को यह धरती के सबसे ज्यादा करीब होगा. नासा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल नासा सन एंड स्पेस और नासा एस्टेरोइड वाच पर इसकी जानकारी दी गई है. इसके अनुसार धूमकेतू 27 मई, 2020 को हमारी धरती के बेहद करीब होगा. ये धरती के इतने करीब होगा के इसे हम खाली आँखों से भी देख सकते हैं.

हरा हो जायेगा आसमान : कॉमेट स्वान (SWAN) नाम के इस धूमकेतू के पीछे मीलों दूर तक इसकी लम्बी पूंछ दिखाई देगी. जो धूल, पत्‍थर के छोटे छोटे टुकड़े, गैस, बर्फ इत्यादि से मिलकर बना है. आमतौर रात में हमें जो तारा टूटता हुआ प्रतीत होता है वो दरअसल छोटे आकार के धूमकेतू होते है जो पृथ्‍वी की कक्षा में आकर घर्षण के कारन जलकर नष्ट हो जाते हैं. लेकिन 27 मई को पृथ्‍वी के पास आने वाला यह धूमकेतू इससे कुछ अलग है. पृथ्वी की करीब आने पर इसके प्रभाव से आसमान का रंग हरा हो जाएगा. जो अपने आप में एक अनोखी खगोलीय घटना है.

क्या होता है धूमकेतू : धूमकेतु दरअसल सौरमण्डल में पाए जाने वाला एक पिंड होता है. जो मूल रूप से पत्थर, धूल, बर्फ और गैस जैसे तत्वों से मिलकर बना होता है. तेज गति के कारन धूमकेतु के पीछे दुम की तरह एक लम्बी लाइन दिखाई देती है. जो सूर्य के प्रकाश में चमकदार हो जाता है. यह ग्रहों की तरह यह भी सूर्य की परिक्रमा करता हैं. धूमकेतु को बोलचाल की भाषा में पुच्छ्ल तारा भी कहा जाता है.

स्‍वॉन धूमकेतू क्यों है खास :

स्‍वॉन धूमकेतू की पूंछ लाखों मील लंबी है.

इसे नंगी आँखों से, भी देखा जा सकता है.

यह 27 मई तक के बेहद करीब आएगा. अभी यह धरती से करोड़ों मील दूर है.

यूरोप के देशों से शाम में इसका अच्छा नजारा दिखेगा. जबकि एशियाई देशों से सुबह-सुबह नजर आएगा.

Next Article

Exit mobile version