कोरोना के चलते तेल की कीमतों में मचा घमासान, दशक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की राह पर
कीमतों को लेकर मचे घमासान तथा कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को कच्चे तेल में चार प्रतिशत तक की तेजी रही. हालांकि, यह अभी भी एक दशक से अधिक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की राह पर बढ़ रहा है.
सिंगापुर : कीमतों को लेकर मचे घमासान तथा कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को कच्चे तेल में चार प्रतिशत तक की तेजी रही. हालांकि, यह अभी भी एक दशक से अधिक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की राह पर बढ़ रहा है. कच्चे तेल के कारोबार में शुक्रवार को भी उथल-पुथल जारी रही.
शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट दोनों के वायदा भाव में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, एशियाई बाजारों में मध्याह्न कारोबार में दोनों की चाल में सुधार हुआ. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट चार प्रतिशत चढ़कर 33 डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेंट क्रूड 3.9 प्रतिशत उछलकर 34.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया
शेयर बाजारों में तेजी तब आई जब अमेरिका की सेना ने इराक में हवाई हमले शुरू किये. इससे कच्चे तेल को मजबूती मिली. एशियाई शेयर बाजारों के गिरावट से उबरने तथा यूरोपीय शेयर बाजारों की ठोस शुरुआत से भी कच्चे तेल को समर्थन मिला. हालांकि, साप्ताहिक आधार पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में अभी भी 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट बनी हुई है.
यह 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है. ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, ब्रेंट क्रूड में सप्ताह के दौरान करीब 25 प्रतिशत की गिरावट बनी हुई है. कच्चा तेल के शीर्ष उत्पादक सऊदी अरब और रूस के बीच आपूर्ति सीमित करने को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद दोनों देशों में विवाद शुरू हो गये.
इसके बाद सऊदी अरब ने जानबूझकर कच्चा तेल की कीमतें गिराने के लिये उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने की घोषणा कर दी. संयुक्त अरब अमीरात ने भी सऊदी अरब का साथ देते हुए उत्पादन व आपूर्ति बढ़ाने की बात की इससे कच्चा तेल की कीमतें भरभरा गयीं और इनमें तीस प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी