अमेरिका में कोरोना वैक्सीन फाइजर के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल गयी है. गौरतलब है कि एफडीए ने ब्रिटेन निर्मित कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी. रायटर की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है. इसके साथ ही अमेरिका ब्रिटेन, कनाडा, बहरीन और सऊदी अरब के बाद फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल करनेवाला पांचवां देश बन गया है.
इससे पहले अमेरिका में कोरोना वैक्सीन फाइजर के आपातकालीन इस्तेमाल करने की सिफारिश की गयी थी. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) सलाह देने वाले विशेषज्ञों ने फाइजर बायोएनटक कोरोना वैक्सीन के लिए आपाताकालीन स्वीकृति की सिफारिश की थी. एफडीए की टीका सलाहकार पैनल की स्वतंत्र वैज्ञानिक, विशेषज्ञों ने संक्रामक रोग के डॉक्टरों ने कि ब्रिटेन में निर्मित इस टीके का इस्तेमाल 16 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों पर इस्तेमाल करने पर सहमती जतायी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार सबसे पहले इस टीके के इस्तेमाल में स्वास्थ्य कर्मियो, नर्सिंग होमे से जुड़े लोगों को डॉक्टरों को प्राथमकिता दी जायेगी. एफडीए ने उम्मीद जतायी है कि अगले दो दिनों में फाइजर कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी उन्हें मिल जायेगी. टीके के इस्तेमाल को लेकर बाल रोग विशेषज्ञ और बोस्टन चिल्ड्रन अस्पताल में टीका कार्यक्रम के प्रमुख ने कहा कि कोरोना वैक्सीन फाइजर के इस्तेमाल की मंजूरी अमेरिका में कोरोना से बचाव के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
माना जा रहा था कि अमेरिका में फाइजर बायोएनटेक के इस्तेमाल की मंजूरी मिलते ही देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाया जा सकता है. बता दे कि बुधवार को अमेरिका में कोरोना संक्रमण से 3000 लोगों की मौत हुई है. एफडीए को उम्मीद है कि शनिवार को उसे इस टीके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. हालांकि अंतिम क्षणों में कुछ कानूनी अड़चनों और अन्य कारणों के चलते मंजूरी मिलने में देरी भी हो सकती है.
माना यह भी जा रहा है कि फाइजर के इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद अमेरिका में विकसित की गयी कोरोना वैक्सीन मॉडर्ना के इस्तेमाल की भी बैक टू बैक मंजूरी मिल सकती है. मॉडर्ना के परीक्षण के दौरान भी बेहतर परिणाम देखने के लिए मिले हैं. बता दें की ट्रंप प्रशासन ने भी फाइजर वैक्सीन के निर्माण और विकास का समर्थन किया था और जुलाई महीने में ही 100 मिलियन डोज के ऑर्डर भी दिये थे.
बता दे की अमेरिका में झुंड प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) विकसित करने के लिए 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण करना होगा. इसमें समय लगेगा. इस बीच फाइजर के सीइओ अल्बर्ट बोरला ने कहा कि वह काफी खुश है कि फाइजर वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए एफडीए ने अमेरिकी प्रशासन से सिफारिश की है.
Posted By: Pawan Singh