Coronavirus : लैब नहीं यहां कम्प्यूटर पर बनायी जा रही कोरोना की वैक्सिन
ब्रिटेन के कुछ वैज्ञानिक संस्थान Coronavirus को रोकने के लिए कम्पयूटर पर वैक्सिन बनाने में लगी है. यह वैक्सिन पूरी तरह कम्प्यूटर कोडिंग के आधार पर बनाया जा रहा है. माना जा रहा है कि वैज्ञानिक इस अनोखे प्रयोग से जल्द ही पूरी दुनिया को चौंका सकते हैं. क्योंकि इससे पहले वायरस की वैक्सिन लैब में बनायी जाती थी.
लंदन : ब्रिटेन के कुछ वैज्ञानिक संस्थान कोरोनावायरस को रोकने के लिए कंम्पयूटर पर वैक्सिन बनाने में लगी है. यह वैक्सिन पूरी तरह कम्प्यूटर कोडिंग के आधार पर बनाया जा रहा है. माना जा रहा है कि वैज्ञानिक इस अनोखे प्रयोग से जल्द ही पूरी दुनिया को चौंका सकते हैं. क्योंकि इससे पहले वायरस की वैक्सिन लैब में बनायी जाती थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुपर कम्प्यूटर के द्वारा इस वायरस के रसायन को कोडिंग के द्वारा पहचान ली गयी है और जल्द ही इसके वैक्सिन निर्माण पर काम किया जायेगा.
कैसे करता है काम– कम्प्यूटर पर वैक्सिन कोडिंग के द्वारा बनाया जा रहा है. इसमें सबसे पहले वायरस को कोडिंग के द्वारा लिखा जायेगा, उसके बाद वायरस के रसायन को भी कोडिंग के जरिए पहचाना जायेगा. यानी वैक्सिन बनाने का पूरा काम कोडिंग के द्वारा ही किया जायेगा.
डेढ़ साल का लग सकता है वक्त- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सिन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की मानें तो, इसे बनाने में तकरीबन डेढ़ साल तक का वक्त लग सकता है. हालांकि इसके रसायन को पहचानने के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वैक्सिन बनाने का काम जल्दी ही पूरा हो जायेगा.
जानवरों पर परीक्षण खत्म- कोरोना वायरस के वेक्सिन का परीक्षण जानवरों पर खत्म हो चुका है. जल्द ही इसका परीक्षण मनुष्यों पर भी किया जायेगा. वहीं अमेरिका में एक महिला पर इसके पहले चरण की परीक्षण किया जा चुका है.
वायरस के 77 रसायन मिलें- वैज्ञानिकों ने सुपर कम्प्यूटर की मदद से कोरोनावायरस के 77 रसायन को ढूंढ लिया है. माना जा रहा है कि वैज्ञानिक जल्द ही कोरोनावायरस के लिए वैकल्पिक वैक्सिन तैयार कर देंगे.
अब तक 14000 से अधिक मौत- कोरोनावायरस के कारण पूरी दुनिया में अब तक 14000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है. वहीं, इस वायरस की चपेट में अब तक तकरीबन दो लाख लोग आ चुके हैं.