तोक्यो : जापान की सरकार ने कहा है कि चीन स्थानीय समुद्रों में क्षेत्रीय दावे करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है. साथ ही अपने प्रभाव का विस्तार करने और सामरिक वर्चस्व कायम करने के लिए कोरोनो वायरस महामारी का भी उपयोग कर रहा है, जिससे जापान और इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है .
प्रधानमंत्री शिंजो आबे के मंत्रिमंडल ने रक्षा से संबंधित सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करती एक रिपोर्ट को मंगलवार को स्वीकार कर लिया. इससे कुछ ही घंटे पहले अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी महत्वपूर्ण समुद्री दावों को खारिज कर दिया था, जिससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है.
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आबे सरकार के रक्षा श्वेत पत्र 2020 में चीन और उत्तर कोरिया से संभावित खतरों को रेखांकित किया गया है. जापान अपनी रक्षा क्षमता को और अधिक बढ़ाना चाहता है. आबे के नेतृत्व में जापान ने अपने रक्षा बजट और क्षमताओं में तेजी से वृद्धि की है और अमेरिका से महंगे हथियार भी खरीदे हैं. श्वेत पत्र में चीन पर कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने समेत दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ” कोविड-19 महामारी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय व्यवस्था को अपने लिये और अधिक अनुकूल बनाने तथा अपने प्रभाव का विस्तार करने के इच्छुक देशों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को उजागर और तेज कर सकती है. हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले उनके कदमों को गंभीरता से लेते हुए करीबी नजर रखने की जरूरत है.