भारत ने फिनलैंड, डेनमार्क, एस्टोनिया और लातविया से अपने 227 नागरिकों को निकाला
फिनलैंड, डेनमार्क, एस्तोनिया और लातविया में फंसे करीब 227 भारतीय नागरिकों को वंदे भारत मिशन के तीसरे चरण के तहत स्वदेश वापस लाया गया है. राष्ट्रीय परिवाहक एअर इंडिया ने फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी से पहली बार शुक्रवार शाम अपने यात्री विमान का परिचालन किया और कोरोना वायरस प्रकोप के बाद से लागू अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के चलते चार यूरोपीय देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाया .
हेलसिंकी/ तेल अवीव : फिनलैंड, डेनमार्क, एस्तोनिया और लातविया में फंसे करीब 227 भारतीय नागरिकों को वंदे भारत मिशन के तीसरे चरण के तहत स्वदेश वापस लाया गया है. राष्ट्रीय परिवाहक एअर इंडिया ने फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी से पहली बार शुक्रवार शाम अपने यात्री विमान का परिचालन किया और कोरोना वायरस प्रकोप के बाद से लागू अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के चलते चार यूरोपीय देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाया .
इजराइल में एअर इंडिया के देश प्रबंधक पंकज तिवारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एआई 1184 विमान शनिवार को नयी दिल्ली उतरा. फिनलैंड में भारत की राजदूत वाणी राव ने पीटीआई-भाषा को बताया, “देश वापसी से फंसे हुए भारतीयों को काफी राहत मिली है खासकर जो पर्यटक, कारोबारी यात्री के तौर पर यहां आए थे उनको या बच्चों एवं इस साल अकादमिक सत्र पूरा करने वाले छात्रों से मिलने आए वरिष्ठ नागरिकों को.”
राव ने कहा, “इनमें एक दंपति भी शामिल था जो अपने हनीमून के लिए फिनलैंड आया था और तीन महीने से यहां फंसा हुआ था. कई लोग चिकित्सीय इलाज और परिवार में आपात स्थिति के कारण लौट रहे हैं.”
इनमें अधिकतर फंसे हुए यात्री फिनलैंड में थे जबकि 15 एस्तोनिया और कुछ डेनमार्क तथा एक लातविया से था. एअर इंडिया का यह विमान भारत में फंसे 168 लोगों को भी फिनलैंड लेकर आया जिसमें 15 नवजात शामिल थे. राव ने बताया कि विशेष विमान एक बड़ा एवं चुनौतीपूर्ण प्रयास था क्योंकि एअर इंडिया का फिनलैंड में कोई परिचालन नहीं है और सभी साजो-सामान एवं ग्राउंड पर मिलने वाली मदद फिनलैंड के संबंधित परिचालकों ने उपलब्ध कराई.
इसका प्रबंधन तेल अवीव में एअर इंडिया के कार्यालय ने दूर से किया. फिनलैंड की सरकार खासकर विदेश मंत्रालय, सीमा पुलिस और हवाईअड्डा प्रबंधन कंपनी, फिनेविया ने तेल अवीव में भारतीय दूतावास और एअर इंडिया के कार्यालय के साथ समन्वय कर आने और जाने वाली उड़ानों में अपना सहयोग दिया.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak