नयी दिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से अबतक दुनियाभर में लगभग पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पूरी दुनिया इस वायरस से लड़ रही है और कई देशों में लोगों को घरों के अंदर रखकर इस वायरस को हराया जा रहा है. इस बीच एक कोरोना की तरह ही दूसरा वायरस पैर पसार रहा है.
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इस वायरस का या इस बीमारी का अबतक ठीक से पता नहीं चल पाया है. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस भी हमारे लिए बिल्कुल नये तरह का संक्रमण था यही कारण है कि अबतक इसकी दवा या वैक्सीन खोजी नहीं जा सकी है.
नये तरह के वायरस के कुछ मामले अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में सामने आये हैं. ब्रिटेन में इसकी वजह से एक बच्चे की मौत की खबर है. इसे पीडिएट्रिक मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम नाम दिया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि इसे कोरोना वायरस से जोड़कर देखा जा रहा है. नवभारत टाइम्स की वेबसाइट में चल रही खबर के अनुसार ब्रिटेन में कम से कम 64 बच्चे और किशोर इस बीमारी की चपेट में हैं.
इस बीमारी में तेज बुखार रहता है, पेट में दर्द होता है, बार- बार उल्टी हो जाती है हालांकि कुछ मरीजों में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसे लक्षण देखने को मिले हैं. उन्हें पेट दर्द, उल्टी और डायरिया की शिकायत होती है. शरीर और सीने में भारी जलन रहती है. इन मरीजों को इमुनोग्लोबिन दिया जा रहा है जिससे इम्यून सिस्टम में जलन कम करने में मदद मिलती है. इसके साथ उन्हें स्टेरॉइड और साइटोकाइन ब्लॉकर्स भी दिया जा रहा है.
चिल्ड्रंस हॉस्पिटल कोलोराडो के डॉ सीन ओ लीरी ने जानकारी देते हुए, यह बीमारी यूरोप से शुरू हुई थी और वहां से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अधिकांश बच्चे इससे उबर जाएंगे। लेकिन द लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 साल के एक किशोर की इस बीमारी के कारण मौत हो गई है. बीमारी बच्चों को निशाना क्यों बना रही है इसका अबतक पता नहीं चल पाया है. इस बीमारी को लेकर भी शोध शुरु हो चुका है. जो देश इससे प्रभावित हैं वह इस बीमारी के संबंध में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.