कोरोना वायरस के बीच रूस में कुछ इस तरह मना विजय दिवस
रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की हार की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस बार समारोह का रंग कोरोना वायरस महामारी की वजह से फीका रहा. पुतिन ने शनिवार को क्रेमलिन के बाहर अज्ञात सैनिक की कब्र पर फूल चढ़ाए और युद्ध के दौरान सोवियत सेना के साहस और कुर्बानियों के सम्मान में एक संक्षिप्त भाषण दिया . विजय दिवस रूस का सबसे महत्वपूर्ण अवकाश है और इस बार के आयोजन के और भव्य होने की उम्मीद थी क्योंकि यह जीत की 75वीं वर्षगांठ है लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के प्रयासों के तहत लाल चौक पर होने वाली भव्य परेड और लोगों के जुलूस का आयोजन रद्द कर दिया गया.
मास्को : रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की हार की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस बार समारोह का रंग कोरोना वायरस महामारी की वजह से फीका रहा.
पुतिन ने शनिवार को क्रेमलिन के बाहर अज्ञात सैनिक की कब्र पर फूल चढ़ाए और युद्ध के दौरान सोवियत सेना के साहस और कुर्बानियों के सम्मान में एक संक्षिप्त भाषण दिया . स में संक्रमण के करीब दो लाख मामले सामने आ चुके हैं. पुतिन ने हालांकि वादा किया कि पूर्ण समारोह आयोजित किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “हम हमेशा की तरह व्यापक और पूर्ण रूप से वर्षगांठ को पूरी गरिमा के साथ मनाएंगे जो उन लोगों के प्रति हमारा कर्तव्य है जिन्होंने जीत और उपलब्धियां हासिल करने के लिये बलिदान दिया.”
लाल चौक पर परेड नहीं हो पाने की वजह से लोगों ने शनिवार को इसका एक ऑनलाइन विकल्प तैयार किया है जहां शाम को लोगों द्वारा अपने घरों की बालकनी या खिड़कियों पर युद्ध में जान गंवाने वाले अपने परिजन की तस्वीरें लगाने की उम्मीद है. बेलारुस की राजधानी मिंस्क में इस मौके पर पूर्ण परेड का आयोजन किया गया. वहां संक्रमण के मामलों के बढ़ने के बावजूद पाबंदियां नहीं लगाई गई हैं.
परेड में करीब तीन हजार सैनिक शामिल हुए और दस हजार के करीब दर्शक भी परेड को देखने के लिये मौजूद थे जिनमें से कुछ ने मास्क लगा रखे थे. विजय दिवस की स्मृति में मुख्य समारोह पश्चिमी यूरोप में एक दिन पहले आयोजित किया गया. बर्लिन के मुख्य स्थल ब्रैंडनबर्ग गेट को शुक्रवार को रोशन किया गया था. इस स्मारक पर नीली पृष्ठभूमि में “थैंक यू” शब्द रूसी, अंग्रेजी, फ्रांसीसी और जर्मन भाषा में लिखे नजर आ रहे थे.