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एक ऐसा देश जिसकी खूब चर्चा हो रही है, कोरोना से नहीं हुई एक भी मौत

कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में है लेकिन एक ऐसा भी देश है जिसने इस संक्रमण से अपने देश को पूरी तरह बचा लिया. इस देश में कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई. कोरोना जिस देश से पैदा हुआ चीन इस देश की सीमा इससे सटी है लेकिन इस देश ने समय रहते फैसला लिया और संक्रमण पर पूरी तरह काबू पा लिया. हम बात कर रहे हैं वियतनाम की.

By PankajKumar Pathak | May 30, 2020 6:01 PM

हनोई : कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में है लेकिन एक ऐसा भी देश है जिसने इस संक्रमण से अपने देश को पूरी तरह बचा लिया. इस देश में कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई. कोरोना जिस देश से पैदा हुआ चीन इस देश की सीमा इससे सटी है लेकिन इस देश ने समय रहते फैसला लिया और संक्रमण पर पूरी तरह काबू पा लिया. हम बात कर रहे हैं वियतनाम की.

क्यो हो रही है जमकर तारीफ

वियतनाम की आबादी लगभग 9.7 करोड़ की है. यह देश कई विकसित देशों की तरह स्वास्थ्य में बहुत बेहतर नहीं है और ना ही इस देश के पास खूब सारा पैसा है. इन सब के बावजूद भी कोरोना से सबसे बेहतर रणनीति बनाने और इस देश के लोगों की कोरोना से एक भी मौत ना होने की वजह से पूरी दुनिया में इस देश की प्रशंसा हो रही है. इस देश में कोरोना के 328 मामले सामने आये लेकिन एक भी मौत कोरोना से नहीं हुई. वियतनाम में 10 हजार लोगों पर केवल 8 डॉक्टर हैं. इस देश के आंकड़ों से बेहतर कई देशों की स्थिति है इसके बावजूद भी लोगों की जान कोरोना संक्रमण से चली गयी.

कैसे बचे लोग, सरकार ने क्या किया

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वियतनाम शुरू से एक्टिव मोड में रहा. वियतनाम ने चीन से लगती सारी सीमाओं को तुरंत सील करने का फैसला लिया. लोगों को एक देश से दूसरे देश जाने पर रोक लगा दी. वियतनाम ने तुरंत तीन सप्ताह के कड़े लॉकडाउन का फैसला लिया. वियतनाम ने यह फैसला कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद ही ले लिया था. जिस वक्त वियतनाम यह फैसला ले रहा था विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि नहीं की थी कि यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. चीन भी लगातार इससे इनकार कर रहा था कि इस वायरस से दूसरों को खतरा है. जैसे ही वियतनाम में पहला मामला आया चीन के वुहान शहर से आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की गयी जिनका भी तापमान सामान्य से ज्यादा था उन्हें तुरंत 14 दिनों के लिए पृथक आवास में भेज दिया गया.

कड़े फैसले ने कोरोना को नुकसान पहुंचाने नहीं दिया

आपको बता दें कि वियतनाम में पहला मामला 23 जनवरी को आया था. इस मामला के सामने आने के बाद वियतनाम पूरी तरह एक्टवि हो गया. सभी बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट और पोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया था. इतना ही नहीं इस देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना से लड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था. वियतनाम में अप्रैल के महीने में लॉकडाउन की समीक्षा की गयी यह भी देखा गया कि देश में इस वक्त कोरोना किस स्थिति में है. 40 दिनों तक किसी भी प्रकार के संक्रमण की सूचना नहीं मिलने के बाद तुरंत लॉकडाउन हटा दिया गया.

पटरी पर लौट रही है जिंदगी

वियतनाम में दोबारा से उन जगहों को खोला जा रहा है जहां लोग जमा हो सकते हैं. स्कूल खोले जा चुके हैं. वियतनाम इन सुरक्षाओं के दम पर वापस अपनी पटरी पर लौट रहा है. वियतनाम अच्छी तरह जानता था कि इस वायरस से खासा नुकसान हो सकता है. उसके पास इतनी सुविधा नहीं है कि वह लाखों मरीजों का इलाज कर सके इसलिए समय रहते उसने फैसला लिया और वायरस के नुसकान से बचा रहा.

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