कोरोना वायरस की महामारी ने दुनिया के अमीर देशों के लोगों को भी बेबस कर दिया है. स्विटजरलैंड का शुमार दुनिया के अमीर देशों में है लेकिन उस देश की एक तस्वीर ने दुनिया को हैरान कर दिया. स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में मुफ्त में खाने के लिए लोगों की एक किमी से लंबी लाइन में लगे दिखे. कहा जा रहा है कि लाइन में गरीब कामगार और बिना दस्तावेजों वाले प्रवासी थे.
डेली मेल की खबर के मुताबिक, यह लाइन एक किलोमीटर से ज्यादा लंबी थी. यहां पर कुछ स्वयंसेवी मुफ्त में खाने के करीब 1500 पैकेट बाट रहे थे. स्थानीय समय के हिसाब से शनिवार शाम के पांच बजे लाइन लगनी शुरू हो गई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से जेनेवा में रहने वाले निकागुआ इंग्रिट बेराला ने कहा, महीने के आखिर से मेरी जेब खाली है. सारे पैसे इंश्योरेंस और कई तरह के बिल भरने में खत्म हो गए. यह बहुत ही अच्छा काम है क्योंकि हमें एक हफ्ते के लिए खाना मिल गया. मुझे नहीं पता कि अगले सप्ताह क्या होगा.
बीबीसी के मुताबिक, 86 लाख की आबादी वाले स्विटजरलैंड में 2018 में 6 लाख 60 हजार गरीब थे. स्विटज़रलैंड में सिंगल पेरेंट्स और जो कम पढ़े-लिखे हैं, वो खास करके गरीब हैं. इन्हें काम मिलने में दिक्कत होती है. स्विस बैंक यूबीएस के मुताबिक जेनेवा तीन सदस्यों वाले परिवार के लिए दूसरा सबसे महंगा शहर है. हालांकि यहां लोगों की औसत आय भी अच्छी है.
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बता दें कि घड़ियों, चीज और चॉकलेट के लिए मशहूर स्विट्जरलैंड की गिनती दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में होती है. कोरोनावायरस की मार से यह देश भी अछूता नहीं है. स्विटजरलैंड में कोरोना के 30,305 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. अब तक 1800 से अधिक लोगों की मौत भी हो गई है. इसके बावजूद यहां सख्त लॉकडाउन नहीं है. यहां बाहर निकलने पर पाबंदी नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर 5 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते. रेस्टोरेंट खुले हैं, लेकिन वहां बैठकर खाना नहीं खा सकते.दूसरे देशों से लगी सीमाएं बंद हैं.
दूसरे देशों से आने वाला सड़क मार्ग भी बंद है. जरूरी काम वाले पास बनाकर स्विट्जरलैंड में बाईरोड आ-जा सकते हैं, इसमें कोई रोक नहीं है. यहां की व्यवस्था बहुत अलग है. यूरोप में तो सबसे ज्यादा स्पेन एवं इटली पर असर पड़ा है. स्विट्जरलैंड में अभी मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है. जब हाई क्वालिटी के मास्क पूरे देश के नागरिकों के लिए सरकार के पास होंगे तब हर नागरिक को मास्क लगाने के बारे में सरकार की ओर से जानकारी दी जाएगी.