Coronavirus in China: कोविड-19 से निपटने में फेल हुआ बीजिंग, चीनी योद्धा की बेटी ने की जिनपिंग की आलोचना
भारत-चीन में 1962 में हुए जंग के दौरान चीफ ऑफ जॉइंट स्टाफ रहे चीनी जनरल की बेटी का लिखा हुआ खत कई यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
Coronavirus in China: बीजिंग के कोविड-19 महामारी से निपटने में फेल होने को लेकर चीनी योद्धा की बेटी ने जिनपिंग सरकार की जमकर आलोचना की है. चीन के एक पूर्व जनरल की बेटी ने बीजिंग के कोविड को फैलने से रोकने संबंधी योजनाओं व तरीकों को लेकर चीनी सरकार की खिंचाई की है. दरअसल, भारत और चीन में 1962 में हुए जंग के दौरान चीफ ऑफ जॉइंट स्टाफ रहे चीनी जनरल लुओ रुइकिंग की छोटी बेटी लुओ दियानदियान का लिखा हुआ खत कई यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी आलोचना की है.
तेजी से शेयर हो रहा डियानडियन का पत्र
लुओ डियानडियन के इस पत्र को हांगकांग की वेबसाइटों, टों चीन के यूट्यूब चैनलों और कई टेलीग्राम ग्रुप्स में काफी शेयर किया जा रहा है. मा शियाओली को लिखे गए पत्र में डियानडियन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कोविड-19 मैनेजमेंट का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की. डियानडियन ने कहा कि यह सोचकर मुझे शर्म और अपमानित महसूस होता है कि जिन लोगों के हाथों में कुछ शक्तियां भी हैं. उन्होंने इस सब का बहिष्कार नहीं किया.
सरकारी सिस्टम में सही समय पर नहीं दिए उचित आदेश
अपने पत्र में दियानदियान ने लिखा है कि अब तक यह कन्फर्म नहीं हो पाया है कि किस तरह से कोरोना वायरस म्यूटेशन करता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि इसपर वैज्ञानिक ढंग से गंभीरता से काम नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम में सही समय पर सही आदेश नहीं दिए गए. दियानदियान ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान जिम्मेदारियों के बंटवारे में कमी की वजह से ऐसी स्थिति देखने को मिली और लोग एक-दूसरे पर ही ठीकरा फोड़ते रहे. कोई जिम्मेदारी तय करने वाला नहीं था.
बहुत सारे लोगों के साथ किया गया बुरा व्यवहार
जनरल की बेटी ने आगे कहा कि इन्कार नहीं किया जा सकता है कि बहुत सारे लोग देश के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे. हालांकि, उन्हें ऐसी स्थिति में डाल दिया गया कि वे कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं थे. अप्रत्यक्ष तरीके से जिनपिंग पर हमला बोलते हुए दियानदियान ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बिना किसी कारण के सारी व्यवस्था केंद्रीकृत कर दी गई. कोविड संक्रमित को तो आइसोलेट किया ही गया, इसके अलावा उन्हें भी अलग कर दिया गया जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था. इन कारण बहुत सारे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. जनरल की बेटी ने सांस्कृतिक क्रांति के बारे में कहा कि मुझे शर्म आती है कि सत्ता में बैठे लोगों ने लोगों को एक व्यवस्था मानने पर मजबूर कर दिया. बहुत सारे लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया गया.
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