coronavirus Locdown,School Reopen, school reopen in idnia, Unlock 4: कोरोना वायरस के कारण देश भर के स्कूलों और कॉलेजों को बंद हुए 5 महीने हो चुके हैं. एक सितंबर से अनलॉक 4 की शुरुआत के बाद से स्कूल और कॉलेज खोले जाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. अनलॉक 3.0 के तहत, गृह मंत्रालय ने व्यायामशालाओं और योग संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दी थी और कहा था कि शैक्षणिक संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.
जैसा कि अगस्त माह समाप्त होने को है, अनलॉक 4 के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं.कोरोनावायरस संकट भले ही खत्म न हुआ हो लेकिन दुनियाभर में स्कूल खोलने को लेकर कवायद शुरू हो गई है. ब्रिटेन, रूस, अमेरिका समेत कई देशों में सरकार अब इस बात पर दबाव डाल रही है कि हर हाल में स्कूल खोले जाने चाहिए.
ब्रिटेन में कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन एक सितंबर से से स्कूल को फिर से खोलने की बात कही जा रही है. अमेरिका में तो राष्ट्रपति ट्रम्प ने तो स्कूल नहीं खोले जाने पर फंडिंग बंद करने तक की चेतावनी दे दी है.
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अमेरिका- स्कूल-कॉलेज बंद है. ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हो रही है. कवायद जारी है कि स्कूल जल्द खोलें जाएं. कोरोना के कुल मामले ( 60 लाख के करीब)
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ब्राजील- स्कूल-कॉलेज बंद है. प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए छात्र कॉलेज जा रहे हैं. कोरोना के कुल मामले ( 37 लाख के करीब)
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भारत- स्कूल-कॉलेज बंद है. कवायद जारी है कि स्कूल जल्द खोलें जाएं. कुछ-कुछ परीक्षाएं हो रहीं हैं. कोरोना के कुल मामले( 33 लाख के करीब)
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रूसः स्कूल-कॉलेज बंद हैं. टीकाकरण पूरा होने के बाद ही खोले जाने की संभावना है. कोरोना के कुल मामले( 10 लाख के करीब)
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दक्षिण अफ्रीकाः जिन क्षेत्रों में कोरोना का मामला ज्यादा है वहां स्कूल-कॉलेज बंद है. जहां कम मामले हैं वहां नियमों के साथ पढ़ाई चल रही है. जल्द ही सारे स्कूल और कॉलेज खोलने की बन रही योजना.कोरोना के कुल मामले( 6 लाख से ज्यादा)
फ्रांस, डेनमार्क, चीन, जर्मनी, हॉलेंड, जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में बाद यहां स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे आने लगे हैं. इटली में 14 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे. डेनमार्क वो देश है जहां सबसे पहले स्कूल खोलने की शुरुआत हुई. जिन देशों में स्कूल -कॉलेज खुला है उनके यहां नियम काफी सख्त हैं. एसी से लेकर टव्वाइलेट की सफाई तक पर नये नियम बने हैं. छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य है तो वहीं शिक्षक फेस शिल्ड में पढ़ा रहे हैं.
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भारत में भले ही स्कूल खोलने की चर्चा चल रही हो लेकिन सवाल उठता है कि क्या कोविड-19 के तेजी से बढते मामलों के बीच पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं?लोकल सर्कल्स के सर्वे के मुताबिक, 62 फीसदी पेरेंट्स अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है. सर्वे में देश के 261 जिलों में 25,000 लोगों से बात की गई है, जिसमें 64 फीसदी पुरुष और 36 फीसदी महिलाएं हैं.
बता दें कि बीते 3 मार्च से कोरोना महामारी के चलते शिक्षण संस्थान बंद हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को ऑनलाइन क्लास शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह विशेष रूप से गांव वाले क्षेत्रों में उचित व्यवस्था और स्मार्टफोन की उपलब्धता न हो पाने के कारण प्रभावी साबित नहीं हो सका. वहीं लॉकडाउन से सबकी जिंदगी पर असर पड़ने से पैरेंट्स फीस में रियायत की मांग कर रहे हैं, लेकिन फीस में भी कोई रियायत नहीं दी गई है.
Posted By: Utpal kant