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17 देशों के 69% लोगों को चीन से नफरत
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कोरोना वायरस के मामले में भी चीन की हुई किरकिरी
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उइगर मुसलमानों पर अत्याचार भी बना मुद्दा
Coronavirus Outbreak : दुनिया में चीन के खिलाफ नफरत लगातार बढ़ती जा रही है. थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा पिछले हफ्ते जारी एक सर्वे के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले 17 देशों के 69% लोगों में चीन के प्रति नकारात्मक नजरिया देखने को मिला है. इस नजरिये के पीछे का सबसे बड़ा कारण लोगों ने चीन में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान न होना बताया है.
कोरोना वायरस के मामले में चीन की भूमिका का मुद्दा हो या विश्व की आर्थिक शक्ति से जुड़ी बहस, चीन को लेकर दुनिया के संपन्न देशों की धारणा बद से बदतर हुई है. शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ ही अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार हनन के मामले अब किसी से छिपे नहीं हैं. सर्वे में लोगों ने माना है कि शिनजियांग में चीन जो भी कर रहा है, वह पूरी तरह से गलत है.
चीन का अड़ियल रवैया : दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुने जाने को लेकर चीन अपनाता रहा है अड़ियल रवैया, फिर दोहराया, हमारी मर्जी से चुना जायेगा उत्तराधिकारी
जापान के 88 प्रतिशत लोग बोले- चीन है विलेन
76 अमेरिका
73 कनाडा
80 स्वीडन
71 जर्मनी
66 फ्रांस
63 यूके
88 जापान
78 ऑस्ट्रेलिया
77 दक्षिण कोरिया
दुनिया में तेजी से अलोकप्रिय हो रहे चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग : इधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी अलोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. ‘ताइपे टाइम्स’ में प्रकाशित इस सर्वे में 80% लोगों ने यह माना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अंतरराष्ट्रीय मसलों को ठीक से हल नहीं कर सकते हैं. इस साल अकादमी पुरस्कारों में अपनी फिल्म ‘नोमैडलैंड’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतकर इतिहास रचने वाली क्लो झाओ ने कहा कि चीन ऐसा देश है, जहां हर तरफ झूठ फैला हुआ है.
80% लोगों को जिनपिंग पर नहीं रहा भरोसा
अमेरिका 82%
कनाडा 78 %
स्वीडन 86 %
जर्मनी 77 %
फ्रांस 77 %
यूके 70 %
जापान 86 %
ऑस्ट्रेलिया 82 %
द कोरिया 84 %
Posted By : Amitabh Kumar