कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है. इस घातक वायरस ने अगर कहीं सबसे ज्यादा कहर बरपाया है तो उस देश का नाम है अमेरिका. अमेरिका में हालात भयावह हो गए हैं. बीते तीन-चार दिन से यहां रोजाना दो हजार से ज्यादा मौतें दर्ज हो रही हैं. संक्रमण के मामले में भी लगातार इजाफा होता जा रहा है. इस बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अर्थव्यवस्था को फिर खोलने का ऐलान किया है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक़, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या अमेरिका में 34 हजार से ज्यादा हो गया है. वहीं देश की करीब पौन सात लाख आबादी कोरोना की चपेट में है.
अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आए हुए दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. तब से इस वायरस का संक्रमण पूरे अमेरिका में फैल चुका है. अगर हम ये कहें कि आज अमरीका इस वैश्विक महामारी का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है, तो गलत नहीं होगा. संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में ये चीन के आंकड़ों से कई गुना आगे निकल चुका है.हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े अमेरिकी अधिकारी ये कह रहे हैं कि अभी उनके देश में वायरस का प्रकोप अपने उच्चतम स्तर से कई हफ्ते या यूं कहें कि कई महीने दूर है. लेकिन, इस महामारी ने अमरीकी स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है. इस संकट से निपटने में अमरीका ने जो तौर तरीक़े अपनाए हैं, उनसे अमरीकी सिस्टम की कई खमियां उजागर हुई हैं. हालांकि, इस दौरान दुनिया की इकलौती सुपरपावर की कई अच्छाइयां भी सामने आई हैं.
Also Read: Covid 19: कोरोना पर चीन की चालबाजी! वुहान में अचानक बदला मौतों का आंकड़ा, 50 फीसदी की वृद्धिबीबीसी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में सामान्य जनजीवन शुरू करने के लिए तीन चरणों की एक योजना का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने “ओपनिंग अप अमेरिका अगेन” योजना के तहत स्कूल और दफ़्तर फिर से खोलने के लिए तीन चरणों का प्रस्ताव पेश किया है और सभी राज्यों से गुजारिश की है कि वो इन सुझावों को लागू करने के बारे में विचार करें. योजना के अनुसार सभी चरण कम से कम 14 दिनों तक लागू रहेंगे. गुरुवार को हुए संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया. ट्रंप का कहना था कि लंबे वक़्त तक अर्थव्यवस्था को बंद रखना कोरोना संकट से निपटने का उचित उपाय नहीं है.
योजना के पहले चरण में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को लागू करने की बात की गई है जिस दौरान स्कूल और दफ्तर बंद रखे जाएंगे. अगर इस क़दम से राज्यों में संक्रमण के मामलों में कमी देखी जाती है तो राज्य दूसरे चरण को लागू करने के बारे में विचार कर सकते हैं. इसके तहत सीमित संख्या में कर्मचारियों के साथ कुछ दफ्तरों को खोलने की अनुमति जाएगी. लेकिन इस दौरान 50 से अधिक लोगों के एक जगह पर जमा होने पर लगी पाबंदी जारी रहेगी.
तीसरे चरण में सभी दफ़्तरों को सामान्य रूप से काम करने की इजाजत होगी और इस दौरान अस्पतालों और बुज़ुर्गों के लिए केयर होम में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां नहीं रहेंगी. इस दौरान जिन लोगों को संक्रमण का खतरा है उन्हें सावधानी लेने की सलाह दी जाएगी. ट्रंप ने कहा है कि ये फैसला राज्य के गवर्नर का होना चाहिए . कई राज्यों के गवर्नर इससे इत्तेफाक नहीं रखते और न्यूयॉर्क ने गुरुवार को ही लॉकडाउन को 15 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है.