Coronavirus: जापान के पीएम ने दिया घर से न निकलने का संदेश, सोशल मीडिया यूजर्स ने निकाली भड़ास
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के ‘घर के अंदर ही रहें के रविवार के संदेश पर सोशल नेटवर्क पर गुस्से से भरी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ऐसे लोगों के प्रति असंवेदनशील बताया है
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के ‘घर के अंदर ही रहें के के संदेश पर सोशल नेटवर्क पर गुस्से से भरी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ऐसे लोगों के प्रति असंवेदनशील बताया है जो सरकार के सामाजिक दूरी संबंधी कदमों के चलते घर पर नहीं रह सकते और उन्हें इसके बदले में कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. कुछ ट्वीट में कहा गया कि वह “किसी रईस व्यक्ति” की तरह पेश आ रहे हैं. कुछ अन्य ने कहा, “वह खुद को क्या समझते हैं. एक मिनट के एक वीडियो में आबे घर में बैठे, बिना किसी भाव-भंगिमा के अपने पालतू कुत्ते को प्यार करते हुए, किताब पढ़ते हुए, कप से चुस्की लेते हुए और रिमोट कंट्रोल का बटन दबाते हुए नजर आ रहे हैं.
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आबे ने तोक्यो और छह अन्य प्रांतों में पिछले मंगलवार आपात स्थिति घोषित कर दी थी और लोगों से घर पर रहने तथा एक-दूसरे से मिलने-जुलने में 80 फीसदी तक कमी लाने को कहा था लेकिन कई जापानी कंपनियों ने इस पर धीमी प्रतिक्रिया दी और कई लोगों को घोषणा के बाद भी आते-जाते देखा गया. रविवार तक जापान में संक्रमण के 7,255 मामले थे जबकि इस साल की शुरुआत में पृथक खड़े किए गए जहाज से 712 अन्य मामले भी सामने आए थे. जापान में भारत से पहले कोरोना से ग्रस्त पहला मरीज सामने आया था.
10 जनवरी को चीन से जापान के कानागावा प्रीफेक्चर लौटे व्यक्ति को सबसे पहले कोरोना वायरस से ग्रस्त देखा गया. वहीं, भारत में चीन से केरल के त्रिसुर लौटे व्यक्ति को 30 जनवरी को कोरोना वायरस का पहला मरीज बताया गया. लेकिन जापान ने कुछ तो अपनी जांच व्यवस्था के कारण और कुछ अपनी सामाजिक आचरण-व्यवस्था के कारण इसे सीमित कर रखा है.जापान में इस बीमारी के कम फैलने का एक बड़ा कारण जापानियों द्वारा मास्क पहनने और भीड़ से बचने की आदत को माना जा सकता है. पौने चार करोड़ से अधिक आबादी वाले तोक्यो को छोड़कर यह बात लगभग पूरे जापान पर लागू हो सकती है.