कोरोना से जंगः डोनाल्ड ट्रंप ने अब WHO को हड़काया, कहा- चीन पर देता है ध्यान, रोकेंगे फंडिंग
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अब सवालों के घेरे में है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाकर फंडिंग रोकने की धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि वे डब्ल्यूएचओ की फंड रोकने जा रहे हैं.
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अब सवालों के घेरे में है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाकर फंडिंग रोकने की धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि वे डब्ल्यूएचओ की फंड रोकने जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़ी मात्रा में धन प्राप्त होता है, उन्होंने मेरे द्वारा लगाये गये यात्रा प्रतिबंध की आलोचना की और असहमती जतायी. बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे, वे बहुत चीन-केंद्रित लगते हैं. हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली रकम पर रोक लगाने जा रहे हैं.
Also Read: 14 अप्रैल के बाद भी नहीं खत्म होना चाहिए लॉकडाउन, जानिए ये 5 कारणराष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर डेली ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम डब्ल्यूएचओ पर बहुत ही शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं और हम इसे देखने वाले हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में अपनी ही बात का एक तरह से खंडन कर दिया और कहा कि, ‘नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने कहा कि मैं इसे देखता हूं. गौरतलब है कि इससे पहले भी मार्च में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर कोरोनो वायरस संकट को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था. तब ट्रंप ने दावा किया था कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के इस रवैये को लेकर कई लोग नाराज हैं और महसूस कर रहे हैं कि ‘यह बिल्कुल ठीक नहीं है.
World Health Organization receives vast amount of money from US, they criticized&disagreed with my travel ban, at the time I did it.They've been wrong about a lot of things.They seemed to be very China-centric. We're going to put a hold on money spent to WHO: US Pres Donald Trump pic.twitter.com/VFYlYJbsvu
— ANI (@ANI) April 7, 2020
ट्रंप ने ये सवाल भी उठाया था कि डबल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के दौर में भी गलत सिफारिश क्यों की और चीन से वायरस के फैलने के दौरान अंतर्राष्ट्रीय ट्रैवल में कटौती करने की बात का विरोध क्यों किया था. ट्रंप ने ये भी कहा कि भाग्यवश मैंने उनके सुझाव को नहीं माना कि चीन को लेकर अपनी सीमाएं हम खुली रखें. चीन को वॉशिंगटन में काफी आलोचना झेलनी पड़ी है और खासतौर पर विपक्षी पार्टियों ने उसके इस महामारी को हैंडल करने के तरीकों पर सवाल उठाए थे. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के अपने यहां बताए गए कोरोना वायरस के मामलों और मौत के आंकड़ों पर भी संदेह जताया था.
हालांकि ट्रंप को भी काफी बड़े पैमाने पर आलोचना झेलनी पड़ी थी कि उन्होंने इस वायरस को गंभीरता से नहीं लिया और इसे एक साधारण बुखार बताते हुए कहा था कि अमेरिका में इसको लेकर स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि बाद में उन्होंने इसको लेकर देश में राष्ट्रीय आपातकाल लगाने की घोषणा की.
बता दें कि अमेरिका में कोविड-19 से संक्रंमित होने वाले लोगों की संख्या चार लाख को पार कर गई है. अमेरिका में इस वक्त कुल 4,00,335 लोग कोरोना वायरस के मरीज हैं. वहीं यह वायरस अभी तक 12,841 लोगों की जान ले चुका है.