ब्रिटिश जासूसों का दावा- कोरोना पर चीन बोल रहा झूठ, इस लैब से फैला घातक वायरस
चीन से शुरू हुए कोरोनावायरस के कारण आज पूरी दुनिया बेहाल है. कई बड़े और संपन्न देश भी इस घातक वायरस के कहर बच न सके. कोरोनावायरस कैसे उत्पन्न हुआ और कहां से फैला ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब चीन ने दिया तो जरूर मगर वह संदिग्ध है.
चीन से शुरू हुए कोरोनावायरस के कारण आज पूरी दुनिया बेहाल है. कई बड़े और संपन्न देश भी इस घातक वायरस के कहर बच न सके. कोरोनावायरस कैसे उत्पन्न हुआ और कहां से फैला ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब चीन ने दिया तो जरूर मगर वह संदिग्ध है. पहले अमेरिका और अब ब्रिटेन ने चीन के इस जवाब पर कई सवाल उठाये हैं. दरअसल, चीन ने कहा था कि कोरोना वायरस जानवरों के बाजार से फैला है. ब्रिटेन सरकार को खुफिया सूचना मिली है कि वायरस का संक्रमण पहले चीनी लैब से जानवरों में हुआ और उसके बाद वह इंसानों में फैला, जो घातक रूप ले चुका है. इसके बारे में विस्तृत रूप से डेली मेल में एक रिपोर्ट छपी है. इसके मुताबिक, चीन की वुहान लैब में इबोला, निपाह, सॉर्स और दूसरे घातक वायरसों पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक अपने माइक्रोस्कोप में एक अजीब सा वायरस नोटिस कर रहे थे. मेडिकल हिस्ट्री में ऐसा वायरस पहले कभी नहीं देखा गया था. इसके जेनेटिक सीक्वेंस को गौर से देखने पर पता चल रहा था कि ये चमगादड़ के करीबी हो सकते हैं.
वैज्ञानिक हैरान थे क्योंकि इस वायरस में वो सार्स वायरस के साथ समानता को देख पा रहे थे. जिसने 2002-2003 में चीन में महामारी ला दी थी और दुनिया भर में 700 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. उस वक्त भी ये बताया गया था कि सार्स छूने और संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैलता है. लेकिन तब चीन इस वायरस को छुपा ले गया था. वुहान ही वो शहर है जहां कोरोना से सबसे पहले तबाही मचायी थी. डेली मेल के मुताबिक, अब तक वैज्ञानिकों का यही मानना रहा है कि कोरोना वुहान के जानवर बाजार से इंसानों में फैला, लेकिन चीनी लैब से हुई लीक की बात को भी एकदम से नकारा नहीं जा सकता.
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की बनायी गई इमरजेंसी कमिटी कोबरा के एक सदस्य ने कहा कि पिछली रात मिली खुफिया सूचना मिली, जिसके मुताबिक इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि वायरस जानवरों से ही फैला है. हालांकि, ये भी साफ होता जा रहा है कि वुहान के लैब से होकर ही ये वायरस इंसानों में फैलना शुरू हुआ था.
इस कारण गहरायी आशंका
रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान में इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मौजूद है.चीन में यह सबसे ऐडवांस लैब है. यह इंस्टिट्यूट जानवरों के बाजार से महज 10 मील दूर स्थित है. उल्लेखनीय है कि चीनी अखबार पीपल्स डेली ने 2018 में कहा था कि यह लैब घातक इबोला वायरस जैसे माइक्रोऑर्गेनिजम पर प्रयोग करने में सक्षम है.कहा गया है कि इस लैब के कर्मचारियों के खून में सबसे पहले कोरोना का संक्रमण हुआ और फिर इसने स्थानीय आबादी को संक्रमित किया है. इस लैब के अधिकतर कर्मचारियों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है.