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कोरोना से बेहाल अमेरिका, 24 घंटे में 800 से ज्यादा लोगों की मौत, अस्पतालों के मुर्दाघर भर गए

अमेरिका में कोरोना से पिछले तीन दिन में हालात बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुका है. हालात भयावह हैं. महाशक्ति जूझ रही है. राष्ट्रपति ट्रम्प की कड़ी आलोचना भी हो रही है. ठीक एक महीने पहले ट्रम्प ने कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताया था. अब जबकि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति इसी कोरोना को क्रूर और जानलेवा बता रहे हैं.

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस या कोविड-19 (COVID-19) का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है. दुनिया भर में नौ लाख से ज्यादा लोग कोविड 19 से संक्रमित हो चुके हैं. 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना के चलते पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है. हर तरह से संपन्न देश अमेरिका कोरोना से बेहाल है. यहां पिछले तीन दिन में हालात बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुका है. बीते 24 घंटे में 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. अभी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के मामले 2 लाख 15 हजार से ज्यादा है जबकि 5100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 3200 लोगों की मौत बीते 72 घंटे में हुई है. अमेरिका में हालात भयावह हैं. महाशक्ति जूझ रही है. राष्ट्रपति ट्रम्प की कड़ी आलोचना भी हो रही है. हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने उन्हें ‘गैर जिम्मेदार और लापरवाह’ तक कह दिया. इसकी वाजिब वजह भी है.

दरअसल, ठीक एक महीने पहले ट्रम्प ने कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताया था. अब जबकि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति इसी कोरोना को क्रूर और जानलेवा बता रहे हैं. अब इस बात की संभावना न के बराबर है कि अमेरिकी ईस्टर का पर्व भी मना पाएंगे. इसके संकेत मंगलवार को राष्ट्रपति ने खुद दिए. कहा कि मैं हर अमेरिकी से कहना चाहता हूं कि वो मुश्किल दिनों के लिए तैयार रहे. अगले दो हफ्ते हम पर बहुत भारी पड़ सकते हैं.

अस्पतालों के मुर्दाघर भर गए

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोनावायरस रिसोर्स केंद्र ने बताया, अमेरिका में बुधवार को मृतकों का आंकड़ा 4,000 पार कर गया है जो चीन, इटली और स्पेन से भी अधिक है. हर ढाई से छह मिनट में एक मौत होने के चलते न्यूयॉर्क में अस्पतालों के मुर्दाघर भर गए हैं. जॉन हॉपकिंस केंद्र के मुताबिक कोविड-19 के कारण अमेरिका में करीब 1,90,000 लोग संक्रमित मिले हैं। जबकि पिछले 24 घंटे में देश में 884 लोगों की जान गई है. पूरे देश में बढ़ती मृतक संख्या को देखते हुए शवों का अंतिम संस्कार मुश्किल हो चला है. न्यूयॉर्क के हालात और भी खराब हैं जहां पिछले 30 वर्षों से शवों को दफनाने के काम में जुटी इंटरनेशनल फ्यूनरल कंपनी के सीईओ मर्मो ने कहा कि लाशों को संभालने में मुश्किलें आ रही हैं.

उन्होंने कहा, अस्पतालों के मुर्दाघर लगभग भर गए हैं, जबकि इन शवों को दफनाना भी खतरनाक होता जा रहा है. मैं नहीं जानता कि मैं कितनी लाशें ले सकता हूं. राष्ट्रपति ट्रंप ने इस महामारी को प्लेग करार देते हुए कहा, मैं चाहता हूं कि हर अमेरिकी नागरिक आगामी कठिन दिनों के लिए तैयार रहे. अभी दो सप्ताह तक राहत की गुंजाइश नहीं है इसलिए यह समय काफी दर्दनाक रहने वाला है.

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