रोम : यूरोप में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या शनिवार को काफी बढ़ गयी. वहीं, विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी है कि महामारी आगामी कुछ समय में अपने चरम पर पहुंच जाएगी. इटली और स्पेन में मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, आईएमएफ ने पुष्टि की है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक रूप से कमजोर हुई है और अमेरिका ने युद्ध के समय खरीदारी की शक्तियां लागू कर दी हैं. एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के फैलने के बाद से अभी तक पूरी दुनिया में इस महामारी से छह लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 27,989 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहे इटली में संक्रमण के मामले खतरनाक रूप से बढ़ गये हैं.
अधिकारियों ने आगाह किया कि है कि अभी संकट और गहरा सकता है, क्योंकि दुनियाभर में इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अकेले यूरोप में तीन लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. इस बीमारी के धीमा होने के बहुत कम संकेत मिले हैं और दुनिया पहले ही मंदी के दौर में जा चुकी है.
स्पेन में 24 घंटे के अंदर 832 लोगों की मौत हो गयी, जिससे मृतकों की कुल संख्या 5690 पहुंच गयी है. यह संख्या इटली के बाद सबसे अधिक है, जहां शुक्रवार को एक दिन के अंदर रिकॉर्ड 969 लोगों की मौत हो गयी. ईरान में कोरोना वायरस से 139 और लोगों की मौत हो गयी और भारत के पंजाब में एक दर्जन गांवों को सील कर दिया गया, जहां एक गुरु ने दौरा किया था. उसे संक्रमण था और उससे ‘संक्रमण के फैलने’ का खतरा है.
अमेरिका में कोविड-19 के 104,000 से अधिक मरीज सामने आने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को युद्धकाल की शक्तियों को लागू करते हुए एक निजी कंपनी को चिकित्सा उपकरण बनाने का अधिकार दिया. ट्रंप ने जनरल मोटर्स को जारी किए आदेश में कहा कि आज के कदमों से वेंटिलेटर्स का उत्पादन जल्द होगा, जिससे अमेरिकियों की जान बचेगी.
देश के 60 फीसदी हिस्से के लॉकडाउन होने और संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के चलते ट्रंप ने अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े दो हजार अरब डॉलर के आर्थिक पैकेज पर भी हस्ताक्षर किए. ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने शुक्रवार को खुद के कोविड-19 से संक्रमित होने की घोषणा की.
यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था सीमाओं के बंद होने के कारण डावांडोल होती जा रही है. इटली के प्रधानमंत्री गुइसेप कोंटे ने चेतावनी दी है कि यह संघ अपनी प्रासंगिकता खो सकता है. उन्होंने यहां के एक समाचार पत्र से कहा कि अगर यूरोप इस अभूतपूर्व चुनौती के लिए तैयार नहीं होता है, तो पूरे यूरोपीय ढांचे का लोगों के लिए कोई मायने नहीं रहेगा.
इटली का समर्थन करते हुए फ्रांस और स्पेन ने भी कहा कि संकट की घड़ी में मजबूत वित्तय व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन जर्मनी और नीदरलैंड राष्ट्रीय ऋणों को पूल करने के आह्वान का विरोध कर रहे हैं. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टिलीना जॉर्जीवा ने कहा कि विकासशील देशों की सहायता के लिए बड़े पैमाने पर खर्च किये जाने की आवश्यकता होगी और चेतावनी दी कि यह स्पष्ट है कि मंदी शुरू हो गयी है. एक ओर, जहां यूरोप और अमेरिका कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी पर लगाम लगाने के लिए जूझ रहे हैं. वहीं, सहायता समूहों ने आगाह किया है कि उचित कदम न उठाने पर कम आय वाले देशों और सीरिया तथा यमन जैसे युद्धग्रस्त देशों में लाखों लोग जान गंवा सकते हैं, जहां साफ-सफाई की स्थिति पहले से ही बदतर है.
अफ्रीकी संघ के अनुसार, अफ्रीका में आधिकारिक संख्या अब भी कम है. वहां शुक्रवार तक 83 लोगों की मौत हुई और 3200 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि अगर हम कोरोना वायरस को जंगल की आग की तरह फैलने देंगे, तो दुनिया के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में लाखों लोग मारे जाएंगे.
इस बीच, दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के 146 नए मामले सामने आए तथा पांच और लोगों की मौत हो गयी. इसके साथ ही, देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 9,478 हो गयी और 144 लोग जान गंवा चुके हैं. दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने बताया कि शनिवार तक 4,811 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी. ज्यादातर 71 नए मामले इस विषाणु से सबसे अधिक प्रभावित दाएगू शहर से सामने आए. वहीं, ब्रूनेई में इस विषाणु से 64 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी.
तेल संपन्न इस देश में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है. ब्रूनेई में मलेशिया में एक धार्मिक सभा से उसके दर्जनों नागरिकों के लौटने के बाद से 115 मामले सामने आए हैं. वहीं, सीरिया के राष्ट्रपति और संयुक्त अरब अमीरात के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक ने शुक्रवार को फोन पर बात की, जो अरब देशों के साथ दमिश्क के तनावपूर्ण संबंधों में नरमी का संकेत है.
अमीरात के आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद और अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के प्रयासों पर चर्चा की तथा इससे लड़ने के लिए एहतियाती कदमों की समीक्षा की.