H1B वीजा सस्पेंड करने पर हो रहा विचार, भारतीय आईटी पेशेवरों को ट्रंप दे सकते हैं बड़ा झटका
coronavirus in US: कोरोना वायरस संक्रमण से दुनियाभर में सबसे प्रभावित देश अमेरिका है. इस जानलेवा संक्रमण की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है. ऐसे में अमेरिका में बेरोजगारी का स्तर काफी ऊपर चला गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग वाले एच-1बी सहित कई रोजगार वीजा को निलंबित करने पर विचार कर रहे हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण से दुनियाभर में सबसे प्रभावित देश अमेरिका है. इस जानलेवा संक्रमण की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है. ऐसे में अमेरिका में बेरोजगारी का स्तर काफी ऊपर चला गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग वाले एच-1बी सहित कई रोजगार वीजा को निलंबित करने पर विचार कर रहे हैं.
भारत में हजारों आईटी पेशेवरों का इस वीजा के जरिये काम करने का सपना होता है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्रस्तावित निलंबन अमेरिका में बाहर से आने एच -1 बी धारकों को बड़ा झटका दे सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया है कि कोरोना वायरस महामारी को कम करने के लिए बाहर से आने वाले लोगों को सीमित करने की आवश्यकता है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि अमेरिकियों को नौकरियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. यह भी कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन एच-1 बी वीजा के आवेदन शुल्क को 460 डॉलर से बढाकर 20,000 डॉलर करने पर विचार कर रही है.
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हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से इस पर सफाई देते हुए कहा गया है कि अभी इस विषय में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और प्रशासन विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में इस खबर का खंडन नहीं किया. ऐसे में भारतीय पेशेवरों के लिए कोरोना काल में एक और परेशानी खड़ी हो गई है.
एच1बी वीजा भारत के प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए सबसे प्रतिष्ठित फॉरेन वर्क वीजा है. ट्रंप प्रशासन के इस तरह के फैसले से हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. एच1बी वीजा पर पहले से ही बड़ी संख्या में भारतीय अपनी नौकरी खो चुके हैं और कोरोना वायरस महामारी के दौरान घर वापस आ गए हैं.।
अमेरिका में छाया बेरोजगारी का मुद्दा
कोरोना से त्रस्त ट्रंप प्रशासन इस समय बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जूझ रहा है. अमेरिका में बेरोजगारी का स्तर रिकॉर्ड पार कर चुका है. ऐसे में सरकार पर काफी दबाव है. दूसरी ओर से विपक्ष भी बेरोजगारी के मुद्दे पर ट्रंप को घेर रहा है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन कुछ सख्त कदम उठाने को मजबूर नजर आ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बेरोजगारी की दर 3 फीसद से बढ़कर 14 फीसद तक हो गयी. यहां पर पिछले दो महीने में करीब 3.3 करोड़ अमेरिकियों की नौकरी गयी है.अमेरिका में बेरोजगारी के तहत भत्ता पाने वालों ने वहां पर रिकॉर्ड संख्या में आवेदन किए हैं.
अमेरिका में सितंबर तक दो लाख लोगों के मरने की आशंका
अमेरिका में सितंबर महीने तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख तक पहुंच जाएगी. बीबीसी के मुताबिक, हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इनिशिएटिव के प्रमुख आशीष झा ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा है कि अगर नए मामलों की संख्या में तेजी नहीं आती है तो भी सितंबर महीने में अमेरिका में मरने वाले लोगों की संख्या दो लाख तक पहुंच जाएगी. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरीका में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 20 लाख के पार हो चुकी है जबकि अब तक वहां एक लाख 13 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
Posted By: Utpal kant