कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में पांच महीनों से कोहराम मचाया हुआ है. इस घातक वायरस को लेकर शुरू से चीन पर सवाल उठते रहे हैं. इनमें से कुछ सवाल उसकी उत्पति से जुड़े हैं तो कुछ इस वायरस से हुई चीन में हुई मौतों और मामलों की संख्या से जुड़े हुए हैं. अमेरिका लगातार इसको लेकर चीन पर हमलावर है अब इसमें यूरोप के कुछ देश भी शामिल हो गए हैं जो मानते हैं कि चीन से ही ये जानलेवा वायरस पूरी दुनिया में आया और इसकी उत्पत्ति की वजह चीन ही है. अमेरिका के राष्ट्रपति ने तो कई बार मीडिया के सामने कोरोनावायरस के लिए चीन को जिम्मेवार ठहराया है. इन परिस्थितियों में चीन पर कोरोना वायरस की जांच को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है.
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लगातार उठते सवालों से चीन बुरी तरह से बिफर गया है और उसने सोमवार को कहा कि इस तरह की जांच का कोई कानूनी आधार नहीं है और अतीत में ऐसी महामारियों की जांच के कोई ठोस नतीजे नहीं आए हैं. बता दें कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तीस लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है और इसने अब तक दो लाख 10 हजार से अधिक लोगों की जान ली है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कोविड-19 के स्रोत को लेकर चीन से अधिक पारदर्शिता की मांग की है. ट्रंप ने वायरस के स्रोत की जांच की मांग को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि इसका पता लगाया जाना चाहिए कि क्या यह वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला था.
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, वायरस की उत्पत्ति का स्रोत विज्ञान का विषय है और इसका अध्ययन वैज्ञानिकों और पेशेवरों द्वारा किया जाना चाहिए. इस तरह का अनुसंधान और निर्णायक उत्तर केवल महामारी विज्ञान के अध्ययन और वायरोलॉजी अध्ययनों से सबूत प्राप्त होने के बाद ही हासिल किया जा सकता है. यह एक बहुत ही जटिल मुद्दा है, अक्सर इसमें बहुत समय लगता है और अनिश्चितता होती है. पहले भी ऐसे वायरस की जांच से बहुत अधिक हासिल नहीं हुआ. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में उनका ये बयान आया है. गेंग शुआंग ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच की बढ़ती मांग पर कहा है कि इस तरह की जांच का न तो पूर्व में कोई उदाहरण मिलता है और न ही इसका कोई कानूनी आधार है.
बीबीसी के मुताबिक, व्हाइट हाउस में हुई मीडिया से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके प्रशासन ने कोरोना वायरस पर चीन की प्रतिक्रिया को लेकर बेहद गंभीर जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, हम चीन से खुश नहीं हैं, हम पूरी परिस्थिति से खुश नहीं हैं क्योंकि हमारा मानना है कि यह वहीं रोका जा सकता था जहां से यह शुरू हुआ. ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस को तुरंत रोका जा सकता था और यह पूरी दुनिया में नहीं फैल पाता. ट्रंप लगातार कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर हमलावर रहे हैं और कहते रहे हैं कि उन्होंने इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए अमरीका की सीमाओं को चीन के लिए बंद कर दिया था.चीन की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा, वे सिर्फ हमें नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बचा सकते थे.