पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जंग लड़ रही है और ऐसे समय चीन ने अपने व्यापारिक मंसूबों को पूरा करने के लिए बेशर्म हरकत शुरू कर दी है.अमेरिका का दावा है कि चीन पीपीई किट की जमाखोरी कर उसे महंगे दाम में बेच रहा है. व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि अमेरिका के पास इस बात के ‘सबूत हैं कि जनवरी और फरवरी में चीन ने 18 गुना अधिक मास्क और निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) मंगाए थे जिसे अब वह ऊंची दरों पर बेच रहा है. वह भी तब जब चीन खुद ही इन सामानों का बड़ा उत्पादक देश है. यही नहीं चीन दिसंबर तक इन उपकरणों का निर्यात करने वाले चीन ने जनवरी में महामारी के बढ़ने पर इन उपकरणों का निर्यात बंद कर दिया. चीन की इस बड़ी ‘साजिश’ में चीन की कंपनियां और संगठन पूरी तरह से शामिल रहे.
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चीन की वजह से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला. अगर चीन ने शुरू में ही दुनिया को इसके बारे में बताया होता तो ये वायरस आज इस तरह से कहर नहीं मचा रहा होता. लेकिन चीन ने दुनिया से बातें छुपाई और अब इसका खामियाजा पूरी दुनिया भुगत रही है. लेकिन चीन अब भी सुधरने को तैयार नहीं है. मुसीबत के वक्त भी वो अपनी मक्कारी दिखाने से बाज नहीं आ रहा. पीटीआई के खबर के मुताबिक, व्हाइट हाउस व्यापार एवं उत्पादन निदेशक, पीटर नवारो ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत और ब्राजील समेत कई देशों के पास पर्याप्त पीपीई नहीं है क्योंकि बीजिंग उनकी जमाखोरी कर रहा है.
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नवारो ने एक साक्षात्कार में फॉक्स बिजनेस से कहा, ‘चीन ने वायरस की जानकारी छिपाते हुए पूरी दुनिया से सभी निजी सुरक्षात्मक उपकरणों को जमा करके रख लिया. उन्होंने कहा, मेरे पास सीधे चीन सरकार के सीमा शुल्क संघ से साक्ष्य हैं जो दिखाते हैं कि जनवरी और फरवरी के महीने में उन्होंने 18 गुना अधिक मास्क खरीदे थे. उन्होंने कहा, उनके पास दो अरब से ज्यादा मास्क थे. उन्होंने चश्मे और दस्तानों दोनों के अपने खर्च को बढ़ा दिया. अधिकारी ने कहा, चीन न सिर्फ इसकी जमाखोरी कर रहा है बल्कि इसे ऊंची कीमतों पर भी बेच रहा है.
वे दुनिया को इसे निर्लज्जता से अत्यधिक कीमतों पर वापस बेच रहा है. नवारो ने कहा कि ऐसी बातों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि कोई भी देश, जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा होने का दावा करता है उसके लिए इस तरह से बर्ताव करना ठीक नहीं है. बता दें कि कोरोना वायरस का जो कहर अभी दुनियाभर में दिख रहा है, उसका केंद्र चीन ही है, जहां उसके वुहान शहर से यह फैला।