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कोरोना वायरस: चीन के पड़ोसी देश वियतनाम ने ऐसा क्या किया कि एक भी मौत नहीं

Corornavirus covid-19 outbreak update, coronavirus cases update कोरोना वायरस दुनिया भर में लगातार फैल रहा है लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां इसकी झलक नाममात्र की दिख रही है. देश का नाम है वियतनाम जिसकी सीमा उस चीन से लगती है, जहां इस महामारी की शुरुआत हुई है. इस देश की आबादी भी 9.7 करोड़ के आसपास है. लेकिन 28 अप्रैल तक इस देश में कोविड-19 संक्रमण के महज 270 मामले सामने आए हैं. यहां कोविड-19 से एक भी मौत नहीं हुई है

By Utpal Kant | April 28, 2020 9:44 AM

कोरोना वायरस दुनिया भर में लगातार फैल रहा है लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां इसकी झलक नाममात्र की दिख रही है. देश का नाम है वियतनाम जिसकी सीमा उस चीन से लगती है, जहां इस महामारी की शुरुआत हुई है. वियतनाम की आबादी भी 9.7 करोड़ के आसपास है. लेकिन 28 अप्रैल तक इस देश में कोविड-19 संक्रमण के महज 270 मामले सामने आए हैं. यहां कोविड-19 से एक भी मौत नहीं हुई है. 225 लोग अस्पताल से ठीक हो कर घर जा चुके हैं. ऐसे में सवाल ये हैं कि वियतनाम ने ऐसा क्या किया कि यहां कोरोना का संक्रमण फैल नहीं पाया. वियतनाम ने ऐसा क्या किया जिसे दूसरे देश भी मॉडल के तौर पर अपना सकते हैं.

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आज क्या है हालात

शुरुआत में, कोरोना वायरस के खिलाफ वियतनाम ने अपने लोगों को जागरूक कर एक तरह से इस महामारी से लड़ने के लिए युद्ध स्तर की तैयारी की लेकिन अब यहां पाबंदियां हटाई जा रही हैं और स्कूलों को फिर से खोलने की इजाजत दी गई है.वियतनाम की राजधानी हनोई और दर्जन भर बड़े शहरों में लॉकडाउन के जो प्रावधान पहले लागू किए गए थे उन्हें हटाया जा चुका है.लेकिन तीन जिले या शहर पूरी तरह से लॉकडाउन में हैं, इन तीन जगहों पर करीब साढ़े चार लाख लोग रह रहे हैं. इस इलाके की सुरक्षा स्थानीय सेना कर रही है और कोई भी यहां से निकल नहीं सकता.

सीमाएं बंद करने का फैसला

बीबीसी के मुताबिक, जनवरी के अंतिम दिनों में वियतनाम में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. तभी वियतनाम ने चीन के साथ अपनी सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया.साथ ही, सभी प्रमुख एयरपोर्ट पर दूसरे देशों से आने वाले प्रत्येक नागरिक की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी. सरकार ने यह भांप लिया कि कोरोना संक्रमण उन लोगों में दिख रहा है जो विदेश से आ रहे हैं.

ऐसे में सरकार ने विदेश से आने वाले हर शख्स को 14 दिनों तक कोरेंटाइन में रखने का आदेश दिया. सरकार ने इसके लिए होटलों को भुगतान करके बुक किया. मार्च के अंतिम सप्ताह में वियतनाम ने सभी विदेशियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी. वियतनामी मूल के विदेशी और वियतनामी नागरिकों के परिवारिक सदस्यों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गयी..

‘कांटैक्ट ट्रेसिंग’ पर लगाया सबसे ज्यादा जोर

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया गया और उन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया.इतना ही नहीं, वियतनाम अपने ही देश में कम कीमत वाली टेस्टिंग किट्स विकसित में करने में कामयाब रहा. संसाधनों की कमी के चलते वियतनाम की सरकार ने कम खर्चे वाला नजरिया अपनाया और संक्रमण के मामले को आक्रामक ढंग से ट्रैक किया गया और संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की गई.

जागरूक करने के लिए देशव्यापी अभियान

वियतनाम की सरकार ने लोगों को जागरूक करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया.इस अभियान में छोटे-छोटे वीडियो और पोस्टरों के जरिए लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया. ऐतिहासिक वियतनाम अमरीका युद्ध में वियतनामी रणनीति की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ग्युएन जुआन फुक ने लोगों से लंबे समय तक महामारी से लड़ने के लिए तैयार होने की अपील की.

क्या इन तरीकों को दूसरे देश मॉडल के रूप में अपना सकते हैं?

वियतनाम के पत्रकार गियांग ग्युएन के इस रणनीति की अपनी खामियां हैं. इसके तहत लोगों को पड़ोसियों पर नजर रखने को बढ़ावा दिया गया है. इसके अलावा ये आशंका भी है कि बलपूर्वक कोरेंटाइन में भेजे जाने के डर से बहुत सारे संक्रमित लोग अभी तक सामने नहीं आ पाएं हैं. वियतनाम ने जिन तरीक़ों को अपनाया है उससे वहां की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. कई कारोबार बंद हो गए हैं. सरकारी स्वामित्व वाली वियतनाम एयरलाइंस को अमरीका, यूरोपीय यूनियन और पूर्वी एशिया के प्रीमियम रूटों पर उड़ानें रद्द करने के चलते करोड़ों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है.

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