नहीं माने ट्रंप, WHO से हटने के लिए औपचारिक कदम उठाया, चीन का साथ देने का आरोप
coronavirus update, donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका को बाहर निकालने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. ट्रंप ने इसका एलान मई के अंत में ही कर दिया था जब उन्होंने संगठन पर कोरोना महामारी के दौरान चीन की तरफ़दारी करने का आरोप लगाया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अब संयुक्त राष्ट्र और अमरीकी संसद को इस बारे में औपचारिक तौर पर सूचित कर दिया है.
coronavirus update, donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका को बाहर निकालने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. ट्रंप ने इसका एलान मई के अंत में ही कर दिया था जब उन्होंने संगठन पर कोरोना महामारी के दौरान चीन की तरफ़दारी करने का आरोप लगाया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अब संयुक्त राष्ट्र और अमरीकी संसद को इस बारे में औपचारिक तौर पर सूचित कर दिया है. हालांकि अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने की प्रक्रिया के पूरी होने में एक साल लगेगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफ़न डुजारिक ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका ने संगठन से हटने की सूचना दे दी है जो 6 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा.
Congress received notification that POTUS officially withdrew the U.S. from the @WHO in the midst of a pandemic.
To call Trump’s response to COVID chaotic & incoherent doesn't do it justice. This won't protect American lives or interests—it leaves Americans sick & America alone.
— Senator Bob Menendez (@SenatorMenendez) July 7, 2020
अमेरिकी सांसद बॉब मेनेंडेज ने मंगलवार (7 जुलाई) को ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, कांग्रेस को राष्ट्रपति कार्यालय से यह जानकारी मिली है कि अमेरिका कोरोना महामारी के बीच डब्ल्यूएचओ से आधिकारिक तौर पर अलग हो गया है. उन्होंने कहा कि महामारी के बीच ट्रंप का यह निर्णय अमेरिका को अलग-थलग कर देगा. उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि संगठन पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है और अमेरिका इससे अपना नाता तोड़ रहा हैं. ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर सही जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया था.
ट्रंप ने कहा था कि चीन डब्ल्यूएचओ को एक साल में कम पैसे देने के बावजूद अपने नियंत्रण में रखता है, जबकि अमेरिका एक साल में डब्ल्यूएचओ को करीब 40 करोड़ डॉलर का अनुदान देता है. बता दें कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में सबसे ज़्यादा आर्थिक योगदान देता है. उसने 2019 में संगठन को 40 करोड़ डॉलर दिए थे जो उसके कुल बजट का 15% हिस्सा है. अमेरिका के इस क़दम के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की आर्थिक हालत और कोरोना महामारी को रोकने के उसके कई कार्यक्रमों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
बाइडेन बोले- पलट देंगे ट्रंप का फैसला
इसी वर्ष नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि वो राष्ट्रपति बनते ही फ़ैसले को पलट देंगे. बाइडेन ने ट्वीट किया- राष्ट्रपति बनने के पहले ही दिन मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन का फिर से सदस्य बन जाउंगा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना नेतृत्व बहाल करूंगा.
Americans are safer when America is engaged in strengthening global health. On my first day as President, I will rejoin the @WHO and restore our leadership on the world stage. https://t.co/8uazVIgPZB
— Joe Biden (@JoeBiden) July 7, 2020
Posted By: Utpal kant