कुत्तों की सूंघने की क्षमता जबर्दस्त होती है. अभी तक ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि कुत्ते विस्फोटक पदार्थ या ड्रग्स को खोजने में या अपराधियों को पकड़ने ही कारगर होते है. लेकिन क्या कुत्ते कोरोनावायरस का पता लगा सकते हैं? ब्रिटेन की एक संस्था का मानना है कि कुत्ते ऐसा कर सकते हैं. इसी संभावना में कुत्तों को कोरोना वायरस सूंघने का प्रशिक्षण देना शुरू किया है. इंसान के रोगों का पता लगाने के लिए कुत्तों की सूंघने की क्षमता का भरपूर फायदा उठाने के लिए वर्ष 2008 में स्थापित मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स ने पिछले माह परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया.
***CV-19 SUPER SIX***
Norman, Digby, Storm, Star, Jasper and Asher could be trained to detect if someone has #COVID19 and play a vital role in preventing further spread of the pandemic in future. @LSHTM@durham_unihttps://t.co/xuheY7OOz6 pic.twitter.com/vOdTuekdaW
— Medical Detection Dogs (@MedDetectDogs) April 18, 2020
एएफपी न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य इंग्लैंड में मिल्टन कीन्स के ट्रेनिंग रूम में डॉग्स को वायरस के नमूनों को सूंघने के लिए गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे इसका संकेत दें और बाद में इलाज शुरू किया जा सके. यह अवधारणा इस विश्वास पर आधारित है कि प्रत्येक बीमारी एक खास गंध छोड़ती है जो श्वान जाति के जानवर आसानी से समझ सकते हैं. संस्था इससे पहले, मरीजों के सैंपल का उपयोग करके कुत्तों की सूंघने की क्षमता से कैंसर, पार्किंसंस रोग और बैक्टीरिया के संक्रमण का पता लगा चुकी है.
एएफपी से बातचीत में मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स के प्रमुख क्लेयर गेस्ट ने कहा, हमारा मानना है कि कुत्ते कोरोनावायरस का पता लगा सकते हैं और इससे हम बेहद तेजी से बहुत तेजी से सैकड़ों लोगों की स्क्रीनिंग कर पाएंगे. इससे हमें पता चल सकेगा कि किसका टेस्ट करने और आइसोलेट (पृथक) करने की जरूरत है. हमारे पास सबूत हैं कि कुत्ते जीवाणु और अन्य बीमारियों का पता लगा सकते हैं, इसलिए हमारा मानना है कि इस प्रोजेक्ट को आगे ले जाने से कोरोना के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकेगा. वो लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) और डरहम विश्वविद्यालय के साथ काम कर रहे हैं.
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देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 21 हजार के पार पहुंच गई है. मरीजों की मौतों के आंकड़े में भी लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में गृह मंत्रालय के स्निफर डॉग विभाग से जुड़े कर्नल (डॉ.) पीके चुग ने कहा है कि मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स को कोरोना संक्रमितों की पहचान करने में इस्तेमाल किया जा सकता है. लंदन में इस पर काम शुरू हो चुका है. यहां पहले इन्हीं कुत्तों की मदद से कई तरह के कैंसर का पता लगाया जा चुका है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कर्नल चुग कहते हैं कि कोरोना संदिग्धों के ब्लड, यूरिन और लार के सैंपल को डॉग सूंघकर पता कर सकते हैं कि वह संक्रमित है या नहीं. क्योंकि जब भी हम बीमार होते हैं तो इन तीनों की गंध में परिवर्तन आता है.