Coronavirus update, COvid-19 cases in world: देश-दुनिया में कोरोना महामारी संकट बरकरार. कई देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है. इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख डॉ टेड्रोस गेब्रिएसस ने कहा कि उम्मीद है कि कोविड-19 की वैक्सीन मिल जाए लेकिन अभी इसकी कोई अचूक दवाई नहीं है और संभव है कि शायद कभी ना हो.
डब्लूएचओ प्रमुख इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि शायद कोरोना कभी खत्म ही ना हो और इसी के साथ जीना पड़े. इससे पहले डॉ टेड्रोस ने कहा था कि कोरोना दूसरे वायरस से बिल्कुल अलग है क्योंकि वह खुद को बदलते रहता है.डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा था कि मौसम बदलने से कोरोना पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोरोना मौसमी नहीं है.
डॉ टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ का अच्छे से धोना और मास्क पहनने को नियम की तरह ले रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखने की जरूरत है. बता दें कि दुनिया भर में अब तक एक करोड़, 81 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. मरने वालों की संख्या भी सात लाख पहुंच गई है.
बीबीसी के मुताबिक, डॉ टेड्रोस ने कहा कि कई वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और हम सबको उम्मीद है कि कोई एक वैक्सीन लोगों को संक्रमण से बचाने में कारगर साबित होगी. हालांकि अभी इसकी कोई अचूक दवाई नहीं है और संभव है कि शायद यह कभी नहीं मिले. ऐसे में हम कोरोना को टेस्ट, आइसोलेशन और मास्क के जरिए रोकने का काम जारी रखें. उन्होंने ये भी कहा कि जो माताएं कोरोना संदिग्ध हैं या कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है उन्हें स्तनपान कराना नहीं रोकना चाहिए.
इससे पहले जून महीने में भी कहा था कि हम ये जानते हैं कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में कोविड-19 का जोखिम कम होता है, लेकिन दूसरी ऐसी कई बीमारियां हैं जिससे बच्चों को अधिक खतरा हो सकता है और स्तनपान से ऐसी बीमारियों को रोका जा सकता है. मौजूदा प्रमाण के आधार पर संगठन ये सलाह देता है कि वायरस संक्रमण के जोखिम से स्तनपान के फायदे अधिक हैं.
उन्होंने कहा था, जिन माताओं के कोरोना संक्रमित होने का शक है या फिर जिनके संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है उन्हें बच्चे को दूध पिलाने के लिए उत्साहित किया जाना चाहिए. अगर मां की तबीयत वाकई में बहुत खराब नहीं है तो नवजात को मां से दूर नहीं किया जाना चाहिए.
Posted By: Utpal kant