Coronavirus Vaccine: ब्रिटेन के बाद कनाडा ने भी फाइजर वैक्सीन को दी मंजूरी, टीकाकरण के बाद गंभीरता से होगी निगरानी
Coronavirus Vaccine: ब्रिटेन और बहरीन के बाद फाइजर और बायोएनटेक की तरफ से तैयार कोरोना वैक्सीन को कनाडा में भी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. इस मंजूरी के बाद अब कनाडा में भी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का रास्ता साफ हो गया है
Coronavirus Vaccine: ब्रिटेन और बहरीन के बाद फाइजर और बायोएनटेक की तरफ से तैयार कोरोना वैक्सीन को कनाडा में भी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. इस मंजूरी के बाद अब कनाडा में भी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का रास्ता साफ हो गया है. कनाडा का स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जैसे ही वैक्सीन बाजार में आएगी सरकार का हेल्थ जिपार्टमेंट और हेल्थ एजेंसी ऑफ कनाडा गंभीरता से इस वैक्सीन की निगरानी करेगा.
हेल्थ कनाडा ने वैक्सीन को लेकर यह भी कहा है कि दिसंबर महीने में करीब ढ़ाई लाख वैक्सीन की खुलाक मिल जाएंगी. वहीं, मार्च तक टीके की 40 लाख खुराक कनाडा आ जाएगी. जो जानकारी मिल रही है उसकी माने तो कनाडा सरकार ने करोड़ खुराकों का सौदा किया है. जिसे अगले हफ्ते से पूरा करने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा.
कोरोना वैक्सीन के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए भारत ने दुनिया को इससे अवगत कराने की पहल की है. इसके तहत 64 देशों के राजदूत हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल ई पहुंचे. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ कृष्णा एला ने राजदूतों को संस्थान में वैक्सीन निर्माण के लिए उपलब्ध सुविधा के बारे में जानकारी दी.
गौरतलब है कि फाइजर और बायोएनटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन को अमेरिकी नियामकों ने प्रभावी पाया है. अमेरिकी नियामकों वैक्सीन की वैज्ञानिक समीक्षा भी जारी की है. साथ ही पुष्टि भी की है कि यह टीका असरदार है. वैक्सीन को लेकर यह पहला विस्तृत विश्लेषण है. इससे पहले कई देशों ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन लगानी शुरू कर दी है.
भारत में कोरोना वैक्सीन : भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनाने की डील कर रखी है. भारत में इस वैक्सीन को जनवरी तक अप्रूवल मिलने की संभावना है. इधर, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के अंतिम चरण के परीक्षण के परिणामों के मुताबिक लगभग 24,000 लोगों में से मात्र तीन लोगों में ही वैक्सीन के दुष्परिणाम देखे गये.
मेडिकल जर्नल लांसेट में छपे परिणामों के मुताबिक, परीक्षण के दौरान वैक्सीन को दो फुल डोज देने पर 62 फीसदी प्रभावी क्षमता और पहले आधा डोज फिर पूरा डोज देने पर करीब 90 फीसदी प्रभावी क्षमता देखने को मिली.
Also Read: Small Cap Mutual Funds: कभी नहीं होगा नुकसान, बाजार के संकेतों को समझ कर ऐसे करें निवेश
Posted by : Pritish Sahay