रूस ने 10 अगस्त तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बनायी है. वैक्सीन को मंजूरी मिलने के तीन-चार दिन बाद संस्थान बाजार में वैक्सीन उतार सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पंजीकरण के दस्तावेज 10-12 अगस्त तक तैयार हो जाने चाहिए. इसके बाद बाजार में इसके 15-16 अगस्त तक उतरने की संभावना है. इस वैक्सीन को मॉस्को स्थित गामालेया महामारी संस्थान केंद्र ने बनाया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का सबसे पहले इस्तेमाल आम लोगों के बजाय, हेल्थ वर्कर्स पर होगा. इसके बाद, वैक्सीन की पहुंच अन्य लोगों तक होगी. वैक्सीन के ट्रायल को लेकर रूस के रक्षा मंत्रालय ने कथित तौर पर कहा कि सैनिकों ने मानव परीक्षणों में स्वेच्छा से भाग लिया है. प्रोजेक्ट के निदेशक एलेक्जेंडर गिन्सबर्ग ने जानकारी दी है कि उन्होंने पहले ही अपने ऊपर वैक्सीन का इंजेक्शन लगा लिया था.
एस्ट्राजेनेका भी खुश, कहा- ट्रायल के नतीजे सबसे बेहतर : एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन ‘एजेडडी1222’ के परीक्षण के बेहद उत्साहपूर्ण नतीजे आ रहे हैं. इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल जारी है. वहीं, दूसरे चरण के नतीजों को लेकर कंपनी ने खुशी जतायी है. कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव पास्कल सोरिट्स ने कहा कि हमें वैक्सीन के परीक्षण को लेकर अब तक का सबसे अच्छा डेटा मिल रहा है.
इसे जिन वॉलंटिअर्स को दिया गया था, उनके शरीर में वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल्स किलर टी-सेल्स भी पाये गये. बता दें कि कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में करीब 180 विकल्पों पर इस वक्त काम चल रहा है. अमेरिका की मॉडर्ना की वैक्सीन ‘एमआरएनए1273’ इंसानों पर पहले ट्रायल में सफल भी रही है.
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Post by : Pritish Sahay