Loading election data...

Kovid-19 Britain : ब्रिटेन में कोविड-19 का टीका बनाने के लिए वैक्सीन टास्कफोर्स का गठन

Corornavirus in Britain: ब्रिटेन में कोविड-19 मृतकों की संख्या बढ़ने के बीच के टीके की तत्काल खोज और इसके विकसित होने के बाद उद्योगों को इसके व्यापक पैमाने पर निर्माण के लिए तैयार करने के संबंध में कार्यबल गठित किया है. देश में कोविड-19 (death from Covid-19) से 847 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतकों की संख्या 14,576 पर पहुंच गयी है.

By Panchayatnama | April 18, 2020 2:27 PM

लंदन: ब्रिटेन में कोविड-19 मृतकों की संख्या बढ़ने के बीच के टीके की तत्काल खोज और इसके विकसित होने के बाद उद्योगों को इसके व्यापक पैमाने पर निर्माण के लिए तैयार करने के संबंध में कार्यबल गठित किया है. देश में कोविड-19 से 847 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतकों की संख्या 14,576 पर पहुंच गयी है. नियमित डाउनिंग स्ट्रीट प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ब्रिटेन के व्यापार मंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वेलेंस के नेतृत्व में नया वैक्सीन टास्कफोर्स कारोबार, उद्योग और शोध-शिक्षण क्षेत्र के बीच सहयोग है.

इसका लक्ष्य टीका विकसित करने, उद्योगों और शोध संस्थानों तक संसाधन एवं सहयोग पहुंचाने और इसके निर्माण में आ रही किसी बाधा को हटाने के लिए नियमों की समीक्षा के प्रयासों के बीच समन्वय बिठाना है. भारतीय मूल के कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हम कोई तारीख नहीं बता सकते कि टीका कब तक तैयार हो जाएगा. लेकिन हम ऐसे देश में रहते हैं जहां अग्रणी विज्ञान का समृद्ध इतिहास है और सरकार का हमारे वैज्ञानिकों का समर्थन करने के साथ ही इसे जल्द से जल्द संभव बनाने की बहुत संभावना है.

आलोक शर्मा ने 21 नये अनुसंधान परियोजनाओं की भी घोषणा की है जिन्हें इलाज के तरीके एवं टीके विकसित करने के लिए सरकारी कोष से 1.4 करोड़ पाउंड की निधि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के वैज्ञानिक कोरोना वायरस से लड़ने, लोगों की जान बचाने के लिए टीका खोजने का तेजी से प्रयास कर रहे हैं. हम उनके प्रयासों में मजबूती से उनके साथ खड़े हैं. शर्मा ने कहा कि वैक्सीन टास्कफोर्स संभावित नये टीके के विकास एवं निर्माण को तेजी से आगे बढ़ो के प्रयासों में समन्वय बिठाने में अहम है ताकि हम सुनिश्चित कर सकें कि मरीजों के लिए यह जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो सके.

इसके अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक अनुसंधान के तहत मलेरिया रोधी दवा पर परीक्षण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह उच्च जोखिम वाले समूहों में लोगों पर कोविड-19 के प्रभावों को कम कर सकता है या नहीं. पूरे ब्रिटेन के जनरल प्रैक्टिश्नर (जीपी) सर्जरी को इस अभूतपू्र्व परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.

Next Article

Exit mobile version