माली में सैन्य जुंटा ने सोमवार को कैबिनेट में फेरबदल के बाद देश की अंतरिम सरकार के राष्ट्रपति बाह एन दाव, प्रधान मंत्री मोक्टर ओउने और रक्षा मंत्री सौलेमेन डौकोरे को गिरफ्तार कर लिया है. सरकार ने कैबिनेट फेरबदल में सेना के दो सदस्यों को सरकार में शामिल नहीं किया था. संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ ने यह जानकारी दी. पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय खंड (ईसीओडब्ल्यूएएस) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के तत्काल रिहाई की मांग की है.
हालांकि विद्रोही सैनिकों ने तुरंत चुनाव कराने का आश्वासन दिया है. बता दें कि नौ महीने पहले ही सेना ने तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. गिरफ्तार नेताओं को काती स्थित सैन्य मुख्यालय ले जाया गया है. माली एक अफ्रीकी देश है. पिछले कुछ सालों में यहां सेना ने विद्रोह कर कई बार तख्तापलट किया है. अलगाववादी और इस्लामी समूह यहां 2012 से ही सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध छेड़े हुए है.
ताजी घटना पर अफ्रीकी समूह और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्य देशों नें कहा कि हम जबरन इस्तीफे समेत तमाम कार्रवाइयों का विरोध करते हैं. आज का यह अविवेकपूर्ण कार्रवाई भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को माली का समर्थन करने से रोकेगा. संयुक्त राष्ट्र माली में शांति अभियानों पर हर साल 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है.
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माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी एकीकृत स्थिरीकरण मिशन (MINUSMA) ने कहा कि हम घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम शांति का आह्वान करते हैं और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं. इन्हें गिरफ्तार करने वालों को अपनी हरकतों के लिए जवाब देना होगा. हम पश्चिम अफ्रीकी राज्यों का आर्थिक समुदाय और अफ्रीकी संघ के निकट संपर्क में हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.