COVID-19 Impact: कोरोना से हो रही मौतों ने बदल दी रिश्तों की परिभाषा, दुख की घड़ी में शामिल होना हुआ मुश्किल

शायद दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा होगा कि मौत के इस खेल में सब शर्तें वायरस ने ही तय कर रखी हैं. कोरोना के दौर में मौत के वक्त भी अपने प्रियजनों का साथ मुमकिन नहीं है. वायरस किसी की परवाह नहीं करता, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की मौत पर परिवार का क्या हाल होता है.

By Utpal Kant | March 27, 2020 2:38 PM
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दुनियाभर में कोरोनावायरस ने कहर बरपा रखा है. कोरोना संक्रमण और इससे हो रही मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना से हो रही मौतों ने रिश्तों की परिभाषा भी बदल दी है. कुछ दिन पहले जहां लोग मरने वाले का अंतिम दर्शन करने और उसके जनाजे में शामिल होकर दुख व्यक्त करना चाहते थे वहीं अब कोरोना संक्रमण ने इस पर भी रोक लगा दी है. कोरोना के कारण भारत सहित कई सारे देश लॉकडाउन हैं. ऐसे में अगर कहीं से किसी अपने की मौत खबर आती भी है तो चाहकर भी लोग इस दुख की घड़ी में शामिल नहीं हो सकते. कहीं भी किसी को जाने की इजाजत नहीं है. सरकार ही अंतिम संस्कार करा रही है. लोग एक दूसरे के गले लग कर रो तक नहीं सकते, जो चला गया उसकी सिर्फ यादें साझा कर सकते.

कोरोना के संक्रमण से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जा रही है तो लोग डर की वजह से उसके घर पहुंचकर शोक भी व्यक्त नहीं कर पा रहे. और तो और कुछ देशों में तो कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार कराने के लिए वेटिंग लिस्ट में नाम दर्ज है उनको अब तक सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया जा सका है. सबसे बुरा हाल इटली और स्पेन का है. कोरोना के दौर में मौत के वक्त भी अपने प्रियजनों का साथ मुमकिन नहीं है. वायरस किसी की परवाह नहीं करता, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की मौत पर परिवार का क्या हाल होता है. संक्रमण के खतरे से अस्पताल में कोई मरीज से मिलने नहीं जा रहा. कई परिवारों में तो दूसरे सदस्य खुद भी क्वारंटाइन हैं. शायद दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा होगा कि मौत के इस खेल में सब शर्तें वायरस ने ही तय कर रखी हैं. अभी तक किसी की मौत के बाद उसके घर पहुंच कर लोग शोक-सांत्वना देते थे मगर कोरोना के कहर में ये सब बंद हो चुका है.

इटली में खराब हुए हालात

करीब 6 से सात करोड़ की आबादी वाले देश इटली में कोरोना के कारण सबसे ज्यादा(7000) मौतें हुई हैं. यहां हालात इतने अधिक खराब हैं कि वहां पड़ोसी-पड़ोसी से बात नहीं कर रहे हैं, लोग घरों का दरवाजा सिर्फ अखबार की कापी उठाने के लिए खोलते हैं. इसी अखबार में मरने वालों के शोक संदेश भी छप रहे हैं। इसी से पता चल रहा कि आसपास के इलाके में किन-किन लोगों की मौत हो गई. ऐसी भी कई खबरें सामने आईं हैं कि वहां शवों को देखने के लिए भी कोई नहीं है. यहां के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां लोगों का अंतिम संस्कार करने के लिए सेना को लगा दिया गया है. स्पेन में भी करीब करीब यही हालात हैं.

बता दें कि कोरोनावायरस की वजह से दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में जिंदगी ठहर सी गई है. हर देश इस महामारी को रोकने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. कोरोना के कारण दुनियाभर में 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं करीब 5 लाख लोग चपेट में है. कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ रहे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन में बीते दो दिन मामले काफी तेज गति से बढ़ें हैं.

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