कोरोनावायरस संक्रमण से अमेरिका बेहाल हैं. इस जानलेवा वायरस ने सबसे ज्यादा अमेरिका में ही कहर बरपाया है. इसी बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से मास्क लगाए नजर आए हैं. वो ज्यादातर मौकों पर मास्क में नजर नहीं आते इसलिए कई बार आलोचना भी होती है. उत्तर कैरोलिना में अपने भाषण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों को एक फिर आश्वास्त किया कि साल के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार हो जाएगी. अपने भाषण के दौरान वह मास्क पहने नजर आए.
राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से दूसरी बार मास्क पहने हुए नजर आए हैं. पहली बार इस महीने की शुरुआत में वाशिंगटन के पास वालअर रीड मेडिकल सेंटर की यात्रा के दौरान उन्होंने मास्क पहना था. इसके पूर्व वह तुलसा रैली में वह बिना मास्क पहने ही स्टेज पर पहुंच गए थे. इतना ही नहीं उन्होंने मास्क पहनने का विरोध भी किया था. उनके समर्थकों ने भी इस रैली में फेस मास्क नहीं पहना था. इस पर विपक्ष और स्वास्थ्य विभाग ने उनकी निंदा की थी.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका प्रशासन अगले दो सप्ताह के भीतर कोरोना संक्रमण के इलाज के बारे में अच्छी खबर देंगे. ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के इलाज के संबंध में… मुझे लगता है कि अगले दो हफ्तों में हमारे पास कहने के लिए वास्तव में कुछ बहुत अच्छी खबर होगी.
अगले दो सप्ताह में कुछ घोषणाएं होंगी. इससे पहले सोमवार को, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बायोटेक्नॉलोजी कंपनी मॉडर्न द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है. एनआईएच की योजना लगभग 30,000 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन पर ट्रायल करने की है.
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के क्रम में सोमवार को दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल शुरू हुआ. इस ट्रायल में 30 हज़ार लोगों ने हिस्सा ले रहे हैं. दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन की खोज के लिए जो कोशिश हो रही है, उनमें जो वैक्सीन आख़िरी फ़ेज़ में हैं, उसमें अमरीका भी शामिल है. हालांकि अभी तक इसकी कोई गारंटी नहीं है कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ एंड मॉडर्ना इंक के ज़रिए बनाई गई ये वैक्सीन सचमुच में कोरोना से बचा लेगी. वॉलंटियरों को ये भी नहीं बताया जाएगा कि उनको वास्तविक वैक्सीन दी गई है या फिर नक़ली वैक्सीन से टेस्ट किया गया है. दो ख़ुराक दिए जाने के बाद वैज्ञानिक इस बात का बहुत नज़दीक से अध्ययन करेंगे कि अपने रोज़मर्रा के काम करने के दौरान कौन सा ग्रुप ज़्यादा संक्रमित होता है,
Posted By: Utpal kant