Covid19 in China: चीन में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज हो रही है. चीनी अर्थव्यवस्था के लिहाज से सबसे अहम शंघाई शहर में भी इन दिनों कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना महामारी के दो साल में रिकॉर्ड मामलों को देखते हुए सरकार ने डबल लॉकडाउन जैसी बेहद सख्त पाबंदियां लगाई हैं. हालांकि, इन पाबंदियों के बीच मानवता को झकझोंर देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. दरअसल, चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते माता-पिता को अपने बच्चों से अलग होना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि अगर अभिभावक अपने मासूमों को उनके लिए बनाए गए क्वारेंटीन सेंटर में नहीं भेजेगें, तो उन्हें अस्पताल में ही छोड़ दिया जाएगा. शंघाई शहर जो महामारी के पहले महीनों के बाद से चीन के सबसे गंभीर कोविड प्रकोप का केंद्र रहा है और इस शहर को कई हफ्तों तक चरणबद्ध लॉकडाउन का सामना करना पड़ा है. अधिकारियों ने पूरे शहर को बंद नहीं करने की कसम खाई थी. लेकिन, अब कोविड प्रकोप को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों में विफलताओं को स्वीकार किया है.
शंघाई में शनिवार को 6,300 से अधिक कोरोना के स्थानीय मामले सामने आए. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, यहां शुक्रवार को 14 मिलियन से अधिक निवासियों का परीक्षण किया. इस बीच कोविड टेस्टिंग ने माता-पिता में अपने बच्चों से अलग होने को लेकर चिंता पैदा कर दी है. हुआंगपु नदी के पश्चिम में आबादी वाले पुक्सी इलाके की एक निवासी ने एएफपी को बताया कि मेरी बेटी अभी चार महीने की नहीं है, लेकिन अगर उसका कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया, तो उसे क्वारेंटिन करके खुद के हाल पर छोड़ दिया जाएगा. 33 वर्षीय महिला ने कहा कि यह समझना पूरी तरह से असंभव है. चाहे कोई भी परिस्थिति हो, नवजात शिशु को कभी भी अपने माता-पिता से अलग नहीं किया जाना चाहिए.
बता दें कि चीन के सबसे अधिक आबादी वाले शहर शंघाई में कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किये जा रहे हैं. कोरोना से उपजे हालात पर काबू पाने के लिए चीन अपने नागरिकों पर सख्त पाबंदिया लगा रहा है. शंघाई की रहने वाली एस्थर झाओ भी इस परिस्थिति से गुजर रही है. झाओ की ढाई साल की बेटी को 26 मार्च को बुखार हुआ था, जिसके बाद वो उसे हॉस्पीटल लेकर पहुंची, जहां जांच में उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं तीन दिन बाद उसकी मां भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई. इस स्थिति में मां को वयस्क लोगों के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर भेजा गया. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, मां और बेटी को अलग करने के दौरान डॉक्टरों के सामने झाओ ने रोते हुए अपील की कि उसे उसकी छोटी सी बच्ची से अलग न किया जाए, क्योंकि वो दोनों ही कोरोना संक्रमित हैं. हालांकि, सख्त नियमों के चलते डॉक्टरों ने उसकी एक ना सुनी और दोनों को अलग कर दिया गया. आरोप के मुताबिक, डॉक्टरों ने महिला को धमकी तक दी कि अगर वो अपनी बेटी को बच्चों के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में नहीं भेजेगी तो उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट में चीन के डॉक्टरों के हवाले से बताया जा रहा है कि शंघाई का नियम है कि बच्चों को अलग स्थान पर और वयस्कों को अलग सेंटर में भेजा जाएगा. इस हालात में किसी को भी बच्चों के साथ जाने की अनुमति नहीं है. बताया जा रहा है कि चीन में कोरोना संक्रमित अभिभावक और बच्चों को एकसाथ रखने पर पाबंदी है. ऐसे में कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखे गए हैं, जिसमें माता-पिता अपने बच्चों से मिलने और उनका हाल जानने के लिए रोते दिखाई दे रहे हैं.