श्रीलंका में चल रहे घोर आर्थिक संकट के बीच दवाइयों की कमी ने स्थिति को और टिकट बना दिया है. अस्पतालों में दवाइयों के लिए लंबी लंबी लाइनें लग रही है. लोगों को घंटों दवा के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. कई जरूरी दवाएं आउट ऑफ स्टॉक हो गई हैं. राजधानी कोलंबो का भी यही हाल है. मरीज दवा के लिए दो-चार होने को मजबूर हैं.
इधर, कोलंबो स्थित नेशनल आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ दममिका ने कहा है कि, हमारे पास दवाओं की कुछ कमी है लेकिन हम स्थिति को संभाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि, भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत भारत से आने वाली हमारी अधिकांश दवाएं, वे निकट भविष्य में हमें और अधिक दवाओं की आपूर्ति करेंगी और यह हमारे लिए हमारे अस्पताल को सामान्य रूप से संचालित करने में बहुत मददगार है.
We've some shortage of drugs but we can manage situation. Most of our drugs coming from India under Indian credit line, they'll supply more drugs to us near future & it is a great help for us to function our hospital normally: Dr Dammika, Director, National Eye Hospital, Colombo pic.twitter.com/6AjqTkEhDD
— ANI (@ANI) April 6, 2022
आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका को भारत ने हाल ही में एक अरब डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका ने भारत से डेढ़ अरब डॉलर और मांगे हैं. वहीं, श्रीलंका के विपक्षी नेता साजित प्रेमदासा ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि भारत श्रीलंका की यथासंभव मदद करें. गौरतलब है कि भारत ने दिवालिया हो चुके श्रीलंका को 40,000 टन चावल के अलावा डीजल मुहैया कराई है.
बता दें, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार ऐसा आपातकाल देखने को मिला है. 2019 से शुरू हुई देश की आर्थिक तंगी अब इस हद तक पहुंच गई है कि पूरा देश दिवालिया होने के कगार पर आ गया है. आर्थिक तंगी का सबसे ज्यादा खामियाजा देश की जनता भुगत रही है. पूरा देश खाद्यान्न, दवा, पानी, बिजली की घोर किल्लत झेल रहा है. हालात ऐसे है कि जनता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है.
मध्यावधि चुनाव सरकार राजनीतिक संकट को खत्म किया जाना चाहिए: इधर, घोर आर्थिक किल्लत के बीच श्रीलंका के वरिष्ठ वामपंथी नेता वासुदेव ननायक्कारा ने कहा कि देश में मौजूदा आर्थिक संकट के कारण हुई राजनीतिक अस्थिरता को मध्यावधि चुनाव कराकर खत्म किया जाना चाहिए. बता दें, देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है. हर दिन 12-12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है.
Posted by: Pritish Sahay