कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल स्थित सीमा शुल्क अधिकारियों ने बांग्लादेश की तरफ जाती एक बड़ी नौका को कपड़े की तस्करी का प्रयास करते हुए पकड़ लिया. कपड़े का मूल्य 3.3 करोड़ रुपये आंका गया है. एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है.
पश्चिम बंगाल स्थित सीमा शुल्क आयुक्तालय (बचाव) के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर 6 और 7 सितंबर की रात को मछली पकड़ने वाली एक बड़ी नौका को देखा. यह नौका डायमंड हार्बर से सागर द्वीप की तरफ जा रही थी. पश्चिम बंगाल में कपड़े की तस्करी से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकारी जलपोत को आते देख नौका ने रास्ता बदला और भागने की कोशिश की. नौका में सवार लोगों ने पानी में छलांग लगाकर भागने का प्रयास किया, लेकिन तटरक्षक बल और स्थानीय पुलिस की मदद से उनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया.
नौका में साड़ियों, कपड़ों के करीब 400 बोरे रखे हुए थे. इनका मूल्य 3.3 करोड़ रुपये आंका गया है. गिरफ्तार किये गये लोगों से पूछताछ से यह पुष्टि हुई है कि माल तस्करी करने की मंशा से नौका को अवैध रास्ते से बांग्लादेश की तरफ ले जाया जा रहा था.
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मामले में आगे जांच की प्रक्रिया चल रही है. नौका में जांच पड़ताल में कई आपत्तिजनक दस्तावेज, कुछ बांग्लादेशियों और भारतीयों के पहचान पत्र भी मिले. बांग्लादेश में निर्मित निजी सामान, बांग्लादेशी सिम के साथ मोबाइल फोन भी जब्त किये गये हैं.
उधर, पश्चिम बंगाल जेल विभाग ने अपनी कैद की अवधि पूरी कर चुके करीब 650 बांग्लादेशी कैदियों को स्वदेश भेजने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. ये बांग्लादेशी नागरिक राज्य के विभिन्न जेलों में कैद हैं.
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए विभाग द्वारा उठाये गये कई कदमों में यह भी शामिल है. उन्होंने बताया कि जिन बांग्लादेशी कैदियों ने अपनी कैद की अवधि पूरी कर ली है, उन्हें उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
उन्होंने बताया कि राज्य गृह विभाग और विदेश मंत्रालय के बीच इस संबंध में आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इनमें से ज्यादातर कैदियों ने कुछ महीने पहले ही अपने कैद की अवधि पूरी की है. कोविड-19 स्थिति और लॉकडाउन के चलते प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकी. करीब 950 बांग्लादेशी कैदी राज्य के विभिन्न जेलों में हैं.
Posted By : Mithilesh Jha