अफगानिस्तान-तालिबान संघर्ष की कवरेज कर रहे भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या
इस संबंध में अफगानिस्तान की समाचार एजेंसी टोलो न्यूज ने जानकारी दी है कि दानिश सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके (Spin Boldak Area) में हुई है. यह इलाका कंधार इलाके में पड़ता है और यहां लंबे समय से भीषण हिंसा जारी है. दानिश लंबे समय से इन इलाकों में थे और यहां लंबे समय से संघर्ष चल रहा था.
अफगानिस्तान में ताजा हालात कवर करने पहुंचे भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गयी. दानिश अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे. दानिश एक फोटो जर्नलिस्ट थे और यहां के हालात की कवरेज करने पहुंचे थे.
The Humvee in which I was travelling with other special forces was also targeted by at least 3 RPG rounds and other weapons. I was lucky to be safe and capture the visual of one of the rockets hitting the armour plate overhead. pic.twitter.com/wipJmmtupp
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
इस संबंध में अफगानिस्तान की समाचार एजेंसी टोलो न्यूज ने जानकारी दी है कि दानिश सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके (Spin Boldak Area) में हुई है. यह इलाका कंधार इलाके में पड़ता है और यहां लंबे समय से भीषण हिंसा जारी है. दानिश लंबे समय से इन इलाकों में थे और यहां लंबे समय से संघर्ष चल रहा था.
Also Read: सेना की बड़ी कामयाबी जम्मू कश्मीर के त्राल में आतंकी ठिकानों का भंडाफोड़
दानिश सिद्दीकी का पत्रकारिता में लंबा अनुभव रहा है उन्होंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी. इसके बाद उन्होंने फोटो जर्नलिज्म पर ज्यादा जोर दिया. 2018 में सिद्दिकी अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.
अफगानिस्तान में जारी हिंसा की सूचनाएं वह लगातार अपने टि्वटर अकाउंट पर शेयर करते थे. 13 जून को भी उन पर हमला किया गया था. कई हथियारों लैश आतंकियों ने उन पर हमला किया था. अपने ट्वीट में दानिश सिद्दीकी ने लिखा था, ‘मेरी किस्मत अच्छी रही कि मैं सुरक्षित हूं और मैंने एक रॉकेट को आर्मर प्लेट के ऊपर से जाते हुए देखा.
Also Read: coronavirus third wave : तीसरी लहर को लेकर क्या होगी रणनीति ? पढ़ें राज्यों से क्या बोले पीएम मोदी
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चल रही खबर के अनुसार दानिश सिद्दीकी उस वक्त हिंसा के चपेट में आ गये जब तालिबान और अफगान सरकार के बीच जंग चल रही थी. अफगानिस्तान में तालिबान धीरे- धीरे अपना दायरा बढ़ा रहा है. अफगानिस्तान तालिबानी लड़ाकों पर ड्रोन के जरिये भी निशाना बना रही है वहीं तालिबान धीरे- धीरे अपना दायरा बढ़ा रहा है.
तालिबान ने दावा किया था कि उसने देश के 85 फीसदी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है. तालिबान प्रमुख रूप से सरकारी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. तालिबान ने 34 प्रांतों में से 29 में मौजूद हजारों सरकारी इमारतों को क्षति पहुंचाई है