Tablighi Jamaat Ban News Updates सऊदी सरकार के तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले पर दारुल उलूम ने ऐतराज जताया है. विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ( Maulana Abul Qasim Nomani) ने सोमवार को कहा कि सऊदी सरकार अपने इस फैसले पर फिर से विचार करें.
सऊदी अरब सरकार के फैसले पर पहली बार दारुल उलूम देवबंद ने अपना विरोध जताया है. दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि इस पर आतकंवाद के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात अपने उद्देश्य में कामयाब रही है.
मीडिया में रविवार को जारी बयान में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि लगभग 100 साल पहले दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद रह चुके हजरत मौलाना महमूद हसन के शिष्य स्वर्गीय मौलाना मोहम्मद इलयास ने तब्लीगी जमात की शुरुआत की थी और मामूली स्तर पर विरोध के बावजूद तबलीगी जमात अपने उद्देश्य में कामयाब रही है.
बता दें कि तबलीगी जमात का मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन में है. सऊदी अरब ने सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. सऊदी प्रशासन ने तबलीगी जमात को समाज के लिए खतरा और आतंकवाद का सबसे बड़ा द्वार करार दिया है. वहीं, सऊदी अरब के तबलीगी जमात को आतंक का द्वार बताकर बैन करने के फैसले पर विरोध होना भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में जमात और दारुल उलूम देवबंद ने सऊदी के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसका विरोध किया है.