Loading election data...

अल्फा के बाद यूएस में डेल्टा वेरिएंट का कहर, सीडीसी के खुलासे से बढ़ी चिंता, इनके लिए खतरनाक है यह स्ट्रेन

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC, सीडीसी) का कहना है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में कोविड महामारी के लिए जिम्मेदार है. सीडीसी का ये भी कहना है कि, अमेरिका में जिस तेजी से कोरोना फिर से फैल रहा है, इस बढ़ोतरी के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2021 11:51 AM

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC, सीडीसी) का कहना है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में कोविड महामारी के लिए जिम्मेदार है. सीडीसी का ये भी कहना है कि, अमेरिका में जिस तेजी से कोरोना फिर से फैल रहा है, इस बढ़ोतरी के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है. और यह पहले वाले स्ट्रेन से कहीं ज्यादा घातक है. कोरोना के इस वेरिएंट को B.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है.

गौरतलब है कि, अमेरिका में जुलाई के पहले सप्ताह में कोरोना सक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है. जुलाई के पहले सप्ताह में अमेरिका में कोरोना केस में 21 फीसदी की वृद्धि हुई है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि कोरोना के इस वेरिएंड का ज्यादा असर उन इलाकों देखने को मिल रहा है जहां टीकाकरण की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है. सीडीसी के आंकड़ो की मानें तो पश्चिमी राज्यों में संक्रमण के 74.3 फीसदी मामले और टेक्सास, लुइसियाना, अर्कांसस समेत कुछ और इलाकों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है.

बच्चों को लेकर बढ़ गई है चिंता: इधर, डेल्टा वायरस के कारण अमेरिका में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर डॉक्टर्स भी काफी चिंतित है. खासकर वैसे बच्चों के लिए ज्यादा चिंता है जिन्हें अभी तक टीका नहीं दिया गया है. सीएनएन को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि, जिन लोगों को कोरोना का टीका नहीं दिया जा सका है, उन्हें डेल्टा वेरिएंट काफी ज्यादा खतरा है.

एक्सपर्ट का मानना है कि, कई देशों में संक्रमण के लिए जिम्मेदार कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में संक्रमण का प्रमुख कारण है. साथ ही एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि डेल्टा वेरिएंट कोरोना के पुराने संस्करणों की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. हालांकि इश बीच राहत की बात बस यही है कि शुरूआती जांच में ये बात सामने आयी है कि, फाइजर, एस्ट्राजेनेका और मॉडर्ना के टीके वायरस के खिलाफ काफी हद तक कारगर हैं.

गौरतलब है कि, पहले अमेरिका में अल्फा वेरिएंट ने जमकर कहर बरपाया था. लेकिन अब कोरोना के इस स्ट्रेन के केस में काफी गिरावट आ गई है. वहीं, नये खतरे के रुप में देश में डेल्टा वेरिएंट सिर उठा रहा है. इधर, अमेरिका में रिसर्चर डेल्टा वेरिएंट के तेजी से संक्रामक होने के कारणों का पता की कोशिश में जुटे हैं.

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version