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अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद पर विवाद, अशरफ गनी और अब्‍दुल्‍ला दोनों ने ली शपथ, समारोह में विस्‍फोट

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ ली.

By AmleshNandan Sinha | March 9, 2020 6:15 PM

काबुल : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ ली. वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी समानांतर रूप से राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली. इससे तालिबान के साथ शांति वार्ता से पहले देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है.

इसके साथ ही अशरफ गनी के शपथग्रहण समारोह से कुछ ही दूरी पर बम धमाकों और गोलीबारी का आवाजें सुनी गयी. हालांकि, इन धमाके की आवाजों के बीच गनी शपथ लेते रहे. वहीं पिछली सरकार में उनके सहयोगी रहे अब्‍दुल्‍ला ने उन्‍हें राष्‍ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है और उन्‍होंने स्‍वयं एक समारोह का आयोजन कर खुद भी राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली.

गनी ने शपथ ग्रहण समारोह में कहा, ‘मैं अल्लाह के नाम पर शपथ लेता हूं कि मैं पवित्र इस्लाम धर्म का पालन और उसकी रक्षा करूंगा. मैं संविधान का सम्मान, उसकी निगरानी और उसे लागू करूंगा.’ गनी ने विदेशी मेहमानों, राजनयिकों और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में एक शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ली.

आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान में राष्‍ट्रपति पद के लिए सितंबर 2019 में चुनाव हुए थे. चुनाव आयोग ने फरवरी 2020 में अशरफ गनी की जीत की घोषणा की थी. उसके बाद गनी का आग राष्‍ट्रपति महल में शपथग्रहण समारोह था, जहां उन्‍होंने राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली. जबकि, अब्‍दुल्‍ला ने चुनाव में धांधली का अरोप लगाया और खुद को विजयी बताया है.

शपथ ग्रहण समारोह के बीच दो विस्फोट

राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्‍दुल्‍ला अब्‍दुल्‍ला के शपथग्रहण समारोह के समय काबुल में दो विस्‍फोट हुए. यह विस्फोट अफगानिस्तान की खराब सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करता है. राष्ट्रपति भवन के भीतर दो स्थानों पर सैंकड़ों लोग राष्ट्रपति अशरफ गनी और उन्हें चुनौती देने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए जमा थे.

इसी दौरान विस्फोट की आवाज आयी और उनमें से कुछ वहां से भागने भी लगे. गनी ने इसके बाद वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘मैंने कोई बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहना है, सिर्फ शर्ट ही पहन रखा है, मुझे अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े, मैं तब भी यहां रूकूंगा.’

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