अमेरिका और चीन के बीच बढ़ा टकराव, डोनाल्‍ड ट्रंप ने ‘ड्रैगन’ पर नकेल कसने के लिए बनाया ये प्‍लान

अमेरिका और चीन के बीच तनाव (Controversy between US and China ) लगातार बढ़ता रहा है. दोनों देशों के बीच कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर जो विवाद शुरू हुआ है वो अब टकराव का रूप लेता जा रहा है. डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald trump ) प्रशासन ने चीन के एयरलाइंस को अमेरिका में बैन करने पर विचार कर रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2020 9:26 PM

वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता रहा है. दोनों देशों के बीच कोरोना वायरस को लेकर जो विवाद शुरू हुआ है वो अब टकराव का रूप लेता जा रहा है. डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने चीन के एयरलाइंस को अमेरिका में बैन करने पर विचार कर रही है.

बताया जा रहा है इस फैसले पर तब विचार किया जा रहा है जब चीन, अमेरिकी विमान कंपनियों पर बैन लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार ट्रंप प्रशासन चीन के एयरलाइंस को अमेरिका में बैन करने पर कर रही है विचार. इससे पहले चीन ने अमेरिकी विमान कंपनियों को दोनों देशों के बीच सेवा शुरू करने रोका था.


ट्रम्प ने अमेरिका में चीनी छात्रों के प्रवेश पर लगाया बैन

मालूम हो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले चीन के छात्रों और शोधकर्ताओं के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है. उन्होंने अमेरिका से बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए स्नातक छात्रों का इस्तेमाल करने की चीन की कोशिशों को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया है.

व्यापार, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, हांगकांग में बीजिंग की कार्रवाई और विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर अमेरिका और चीन में बढ़ती तनातनी के बीच ट्रम्प ने यह घोषणा की है. ट्रम्प ने कहा कि चीन ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण के लिए संवदेनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकियों और बौद्धिक संपदा को हासिल करने के लिए व्यापक अभियान चलाया हुआ है.

ट्रम्प ने आरोप लगाया कि चीन अपने कुछ छात्रों ज्यादातर परास्नातक और शोधकर्ताओं का इस्तेमाल बौद्धिक संपदा को एकत्रित करने के लिए करता है इसलिए पीएलए से जुड़े चीनी छात्रों या शोधकर्ताओं के चीनी अधिकारियों के हाथों इस्तेमाल होने का अधिक जोखिम है और यह चिंता का सबब है. उन्होंने कहा, इसे देखते हुए मैंने फैसला किया कि अमेरिका में पढ़ाई या शोध करने के लिए ‘एफ’ या ‘जे’ वीजा मांगने वाले कुछ चीनी नागरिकों का प्रवेश अमेरिका के हितों के लिए खतरनाक होगा.

ट्रंप ने पूरे विश्व में कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्‍मेवार ठहराया है

मालूम हो चीन और अमेरिका के बीच कोरोना संक्रमण के प्रसार को लेकर विवाद शुरू हुआ और दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के लिए सीधे तौर पर चीन को दोषी माना है और उसमें WHO की भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. ट्रंप ने तो WHO की फंडिंग पर भी रोक लगा दिया है.

दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि चीन ने विश्व भर में घातक कोरोना वायरस छोड़ा है और बीजिंग ने इसे छिपाने की कोशिश बड़े स्तर पर की है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बार-बार संदेह व्यक्त किया है कि वुहान में पहली बार पाया गया कोरोना वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से निकला था.

Posted By : arbind kumar mishra

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