अमेरिकी नागरिकों को राहत देने की योजना, डोनाल्ड ट्रंप ने आयकर हटाने का प्रस्ताव रखा

Income Tax in America: सोमवार को ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में कहा कि आयकर खत्म करने से नागरिकों की "डिस्पोजेबल इनकम" यानी टैक्स और अन्य सामाजिक सुरक्षा शुल्क कटने के बाद बचने वाली आय में वृद्धि होगी.

By Aman Kumar Pandey | January 28, 2025 12:55 PM

Income Tax in America: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चर्चा में आते हुए आयकर (इनकम टैक्स) को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है. उनका मानना है कि आयकर हटाकर देश में नागरिकों की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जा सकता है. हालांकि, इस पर अब तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है. ट्रंप का तर्क है कि आयकर समाप्त करके आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने से देश को राजस्व के वैकल्पिक स्रोत मिल सकते हैं, जिससे विदेशी देशों पर निर्भरता कम होगी और अमेरिका के नागरिकों को अधिक वित्तीय लाभ मिलेगा.

सोमवार को ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में कहा कि आयकर खत्म करने से नागरिकों की “डिस्पोजेबल इनकम” यानी टैक्स और अन्य सामाजिक सुरक्षा शुल्क कटने के बाद बचने वाली आय में वृद्धि होगी. ट्रंप ने यह भी कहा कि यह वही आर्थिक व्यवस्था होगी जिसने 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका को सबसे अमीर बनाया था. उन्होंने बताया कि 1870 से 1913 तक अमेरिका में टैरिफ आधारित अर्थव्यवस्था थी और उस समय देश ने अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि हासिल की थी.

इसे भी पढ़ें: ट्रंप का बड़ा फैसला, इजरायल की तर्ज पर अमेरिका में बनेगा आयरन डोम

ट्रंप ने कहा, “हमें उस प्रणाली में लौटने की जरूरत है, जिसने अमेरिका को पहले से कहीं अधिक समृद्ध और ताकतवर बनाया. विदेशी राष्ट्रों को समृद्ध करने के लिए अपने नागरिकों पर टैक्स लगाने के बजाय, हमें विदेशी राष्ट्रों पर टैरिफ लगाकर अपने नागरिकों को लाभ पहुंचाना चाहिए.”

ट्रंप के अनुसार, आयकर समाप्त होने से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए आयात शुल्क को प्रमुख साधन बनाया जाएगा. उन्होंने एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस (बाहरी राजस्व सेवा) की स्थापना का भी सुझाव दिया, जो सभी शुल्क और राजस्व को प्रबंधित करेगी.

हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर अर्थशास्त्रियों के बीच चिंता भी जताई गई है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ बढ़ाने से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ सकता है और इससे अमेरिकी उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें: 1 पति, 2 पत्नी, 8 बच्चें, जानिए कैसे हुआ डॉक्टर हसबैंड का बंटवारा?

Next Article

Exit mobile version