नयी दिल्ली : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ न्यायालय में कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस’ कहने पर मुकदमा दायर किया गया है. न्यायालय में दायर की गयी शिकायत में पूर्व राष्ट्रपति द्वारा ‘चीनी वायरस’ कहे जाने को निराधार बताया गया है.
जानकारी के मुताबिक, एक चीनी-अमेरिकी नागरिक समूह ने कथित तौर पर कोविड-19 को ‘चीनी वायरस’ के रूप में संदर्भित किये जाने को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ न्यूयॉर्क के एक संघीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया है.
चीनी-अमेरिकी नागरिक गठबंधन (सीएसीआरसी) ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि अभी तक यह निर्धारित नहीं किया गया है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां हुई है. ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति द्वारा कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस’ के रूप में संदर्भित करने को निराधार बताया है.
शिकायत के मुताबिक, कोरोना वायरस के संबंध में डोनाल्ड ट्रंप का आचरण नितांत अपमानजनक था. साथ ही कहा गया है कि कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहने में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि उनके आचरण से चीनी अमेरिकियों के समक्ष भावनात्मक संकट उत्पन्न होगा.
सीएसीआरसी की शिकायत में यह भी कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक हितों के लिए जान-बूझ कर ऐसे शब्दों का प्रयोग जारी रखा. इस प्रक्रिया ने चीनी-एशियाई अमेरिकी समुदायों को गंभीर रूप से चोटें पहुंचाई हैं.
चीनी-अमेरिकी नागरिक गठबंधन ने मांग की है कि अमेरिका में रहनेवाले सभी एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीप वासियों को माफी के रूप में एक डॉलर का भगुतान किया जाये. यह राशि एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीप के निवासियों की संख्या के मुताबिक कुल 22.9 मिलियन डॉलर की होगी.
डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर के मुताबिक यह एक मुर्खतापूर्ण मुकदमा है. अगर यह अदालत में भी पहुंचता है, तो मामले को खारिज कर दिया जायेगा. यह एक पूर्ण मजाक है. साथ ही कहा कि अगर अदालत में शिकायत करनेवाला वकील मैं होता, तो मुझे मुकदमा स्वीकृत होने की ही चिंता होती.