वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नरेंद्र मोदी को मददगार बताया है और कहा है कि वे एक महान और अच्छे नेता हैं. ट्रंप ने यह बयान भारत द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा सप्लाय पर रोक हटाने के बाद दिया है. ट्रंप की यह तारीफ 24 घंटे पहले के उस बयान के विपरित हैं, जिसमें उन्होंने दवा सप्लाय नहीं करने पर चेतावनी दी थी.
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका 29 मिलियन दवा का डोज खरीदेगा, जिसमें भारत सबसे अधिक निर्यात करेगा. माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच दवा खरीद और बिक्री का काम एक दो दिन के अंदर ही किया जायेगा.
क्या कहा था ट्रंप ने- इससे पहले, मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एक सवाल पूछा गया, ‘ क्या आपको चिंता है कि आपकी तरफ से अमेरिका के उत्पाद के एक्सपोर्ट में पाबंदी लगाने की प्रतक्रिया आएगी, जैसे की भारतीय पीएम मोदी ने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन न देने का डिसीजन लिया है.’
सवाल का जवाब देते हुए ट्रम्प ने कहा, ‘मुझे भारत सरकार का यह फैसला पसंद नहीं आया. मैंने नहीं सुना कि यह उनका डिसीजन है. हां लेकिन मैनें यह जरूर सुना है कि उन्होंने कुछ देशों के लिए पाबंदी लगायी है और मैंने कल उनसे(पीएम मोदी) से बात की थी. हम दोनों के बीच अच्छी बातचीत हुई. मुझे उम्मीद है कि भारत अमेरिका को दवा सप्लाई करेंगे. क्योंकि भारत कई सालों से अमेरिका से व्यापार में लाभ ले रहा है. मैंने रविवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि अगर वह हमारी (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की) सप्लाई को अनुमति देते हैं तो हम उनकी सराहना करेंगे. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो इसका जवाब दिया जाएगा.
भारत ने बदला फैसला– ट्रंप की हिदायत के बाद भारत सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर अपना फैसला बदल लिया और कहा कि जरूरत मंद देशों को भारत यह उपलब्ध करायेगी. हालांकि सरकार ने अमेरिका का जिक्र नहीं किया और न हीं यह बताया है कि अमेरिका को यह मिलेगा यह नहीं?
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीनके बारे में जानिए– इस दवा का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी ऑटो इम्यून बीमारी के इलाज में भी किया जाता है, इसके कारण मैन्यूफैक्चरर्स के पास उत्पादन क्षमता अच्छी है जिसे वे कभी भी बढ़ा सकते हैं. भारत में यह 70 प्रतिशत इस दवा का उत्पादन किया जाता है, जिसके कारण इस दवा का पूरी दुनिया में भारत ही सबसे बड़ा सप्लायर देश है.