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कंबोडिया में डॉ एस जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से की मुलाकात, रूस युद्ध पर की बातचीत

यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा की. कुलेबा ने कहा कि जयशंकर और मैं द्विपक्षीय सहयोग और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए मिले.

नोम पेन्ह : भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में अपने यूक्रेनी समकक्ष दमित्रो कुलेबा से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युत्र के अलावा क्षेत्रीय घटनाक्रम, परमाणु चिंताओं तथा यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा की. भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर कंबोडिया की राजधानी में नोम पेन्ह में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन शामिल होने आए हैं. इस सम्मेलन से इतर यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से मुलाकात की.

भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए हैं जयशंकर

यूक्रेनी विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से मुलाकात के बाद डॉ एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से मिलकर खुशी हुई. हमारी चर्चाओं में रूस के साथ यूक्रेन के संघर्ष में हालिया घटनाक्रम, अनाज निर्यात की पहल और परमाणु चिंताएं शामिल थीं. डॉ एस जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ कंबोडिया की यात्रा पर गए हुए हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.

जयशंकर ने युद्ध समाप्त करने के तरीकों पर की बात

वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा की. कुलेबा ने अपने ट्वीट में कहा कि मेरे भारतीय समकक्ष जयशंकर और मैं द्विपक्षीय सहयोग और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए मिले. मैंने जोर दिया कि रूस को तुरंत घातक हमलों को रोकना चाहिए, यूक्रेन से सभी सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए और शांति के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए. हमने वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया.

पीएम मोदी ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की से की है बातचीत

बता दें कि भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और लगातार कहता रहा है कि कूटनीति और बातचीत के जरिए संकट का समाधान किया जाना चाहिए. फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की. भारत ने यह भी कहा है कि काला सागर के जरिए अनाज निर्यात की पहल के निलंबन से खाद्य सुरक्षा और दुनिया के सामने विशेष रूप से दुनिया के दक्षिणी हिस्से में ईंधन और उर्वरक आपूर्ति चुनौतियों का सामना करने की आशंका है. इस पहल के परिणामस्वरूप यूक्रेन से 90 लाख टन से अधिक अनाज और अन्य खाद्य उत्पादों का निर्यात हुआ.

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आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ

इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के 10 सदस्य देश हैं, जिनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर समेत एक प्रतिनिधिमंडल भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए हैं.

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