भारतीय सेना के मुंहतोड़ जवाब के बाद ड्रैगन लगाने लगा ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ का नारा, चीनी विदेश मंत्री ने कही ये बात…

वांग यी ने रिश्ते में नरमी लाने के मकसद से कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे के प्रति शक के भाव को कम करते हुए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच सीमा विवादों का हल निकाला जा सके. चीन के विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच सीमा विवादों को ही चीन-भारत के रिश्तों की पूरी कहानी कहने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों ही देश दोस्त रहे हैं, लेकिन दोनों को ही आपसी शक को समाप्त कर देना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2021 7:51 AM

बीजिंग/नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख समेत देश की उत्तरी सीमाओं पर चीन की ओर से खड़े विवाद के बाद भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. अब सीमा पर शांति बहाल करने के लिए भारत-चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत चल रही है. इस बीच, भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और सामरिक क्षमता को देखने के बाद चीन की ओर से अब ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ का नारा लगाया जाने लगा है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चीन और भारत दोनों को एक-दूसरे को हानि पहुंचना बंद कर देना चाहिए.

वांग यी ने रिश्ते में नरमी लाने के मकसद से कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे के प्रति शक के भाव को कम करते हुए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच सीमा विवादों का हल निकाला जा सके. चीन के विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच सीमा विवादों को ही चीन-भारत के रिश्तों की पूरी कहानी कहने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों ही देश दोस्त रहे हैं, लेकिन दोनों को ही आपसी शक को समाप्त कर देना चाहिए.

भारत-चीन के रिश्तों पर अपनी वार्षिक प्रेस वार्ता के दौरान सवालों का जवाब देते हुए और लद्दाख में पिछले एक साल पुराने मसले को सुलझाया गया, इसके बारे में बताते हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों देशों द्वारा विवादों को सुलझा लिया जाना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा विवाद ऐसी चीज है, जो इतिहास से छूट गई है, लेकिन ये भारत और चीन के आपसी संबंधों की पूरी कहानी नहीं है.

बता दें कि चीनी विदेश मंत्री का यह बयान उस समय आया है, जब सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बैठक होने के बाद दोनों देशों पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिक हटाने पर राजी हो गए थे. पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति पर लौटने की प्रक्रिया को दोनों देशों के रिश्तों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है. दोनों देश आपस में सहमत हुए हैं कि इसी प्रकार सुलझा लिया जाएगा.

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Posted by : Vishwat Sen

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