Durga Puja Celebrations: डर के साए में दुर्गा पूजा, कहीं मुस्लिम ग्रुप न कर दें गड़बड़ी
Durga Puja Celebrations: बांग्लादेश में डर के बीच दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है.
Durga Puja Celebrations : बांग्लादेश में खौफ के बीच दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस बीच अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह ऐसे समय में आया है जब कुछ इस्लामी ग्रुप हिंदू अल्पसंख्यकों द्वारा मनाए जाने वाले इस त्योहार का विरोध कर रहे हैं. प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद से ही देश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच ऐसी खबरें हैं कि कट्टरपंथी इस्लामी समूह दुर्गा पूजा उत्सव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं. यह तब हुआ है जब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली देश की अंतरिम सरकार ने हिंदू त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है.
लगे नारे -पूजो होते देबो ना
बांग्लादेश में 9 से 13 अक्टूबर तक दुर्गा पूजा मनाई जाएगी. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद से यह पहला दुर्गा पूजा का त्योहार है. जब से उन्होंने इस्तीफा दिया है और भारत भाग गई हैं, हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव के आरोप सामने आए हैं. पिछले दिनों कुछ मीडिया ग्रुप में एक रिपोर्ट छपी थी जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का जिक्र था. इसमें बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूह कथित तौर पर दुर्गा पूजा समारोह के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं. वे नारे लगा रहे हैं-पूजो होते देबो ना (दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं देंगे).
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त्योहार मनाने के लिए देने होंगे 5,00,000 रुपये
सितंबर के अंत में डेली स्टार ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके अनुसार, कई दुर्गा पूजा समितियों को धमकी भरे पत्र मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर वे त्योहार मनाना चाहते हैं तो उन्हें 5,00,000 रुपये देने होंगे. खुलना के डाकोप इलाके में कई हिंदू मंदिरों ने भी धमकी भरे पत्र मिलने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
साउंड सिस्टम बंद रखने का निर्देश
इस बीच ढाका ट्रिब्यून ने पिछले महीने खबर प्रकाशित की थी कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पूजा समितियों को सलाह दी है कि वे अज़ान और नमाज के दौरान अपने संगीत वाद्ययंत्र और साउंड सिस्टम बंद रखें. यह बयान कथित तौर पर गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कानून और व्यवस्था की बैठक के बाद दिया था.