Earthquake: बुधवार की सुबह एक खबर सामने आई कि ताइवान की राजधानी ताइपे में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए है. रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 7.2 बताई गई है. इस भूकंप के जुड़ी हुई कई तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर हो रही है जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इससे भारी तबाही मची है. मीडिया सूत्रों की मानें तो वहां बिजली सप्लाई बाधित हो गई है. देशभर में ट्रेन सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है. खबर यह भी है कि इस भूकंप के बाद से जापान में सुनामी की आशंका जताई जा रही है.
भूकंप की वजह से कई इमारतें क्षतिग्रस्त
भूकंप के कारण हुलिएन के एक इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है. इसकी पहली मंजिल ढह गई है तथा शेष इमारत झुक गई है. ताइपे में पुरानी इमारतों और कुछ नए कार्यालय परिसरों में टाइल्स गिर गईं. विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया है और उन्हें हेलमेट पहनाए गए. पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया और ताइपे में ‘सबवे’ सेवा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया. द्वीपीय देश की आबादी 2.3 करोड़ है. राष्ट्रीय संसद भवन की दीवारों और छत को नुकसान पहुंचा है. यह भवन द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाए गए स्कूल में है.
लोगों में थोड़ी-बहुत ही दहशत रही
भूकंप के तेज़ झटके आने के बावजूद लोगों में थोड़ी-बहुत ही दहशत रही, क्योंकि इस देश में अक्सर भूकंप के झटके आते रहे हैं. स्कूल ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए अभ्यास आयोजित करते रहते हैं और लोगों को मीडिया तथा मोबाइल के जरिए नोटिस जारी किए जाते हैं. स्कूल और सरकारी कार्यालयों को छुट्टी का विकल्प दिया गया है. हुलिएन में हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है, जहां 2018 में भूकंप में एक ऐतिहासिक होटल और अन्य इमारतें गिर गई थीं.
30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी की लहर
वहीं, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप के झटके के 15 मिनट बाद योनगुनी द्वीप पर 30 सेंटीमीटर (करीब एक फुट) ऊंची सुनामी की लहर देखी गई है. इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी हल्की फुल्की लहरें देखी गईं. जापानी एजेंसी ने पहले कहा था कि सुनामी की वजह से समुद्र में तीन मीटर (9.8 फुट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, लेकिन बाद में उसने इस चेतावनी को घटाकर करीब एक फुट तक कर दिया. जापान के आत्मरक्षा बलों ने ओकिनावा क्षेत्र के आसपास सुनामी के प्रभाव को लेकर जानकारी जुटाने के लिए विमान भेजे और जरूरत पड़ने पर लोगों को निकालने और उन्हें आश्रय देने की तैयारी शुरू कर दी.
सोर्स : भाषा इनपुट