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श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट: महंगे सामान के आयात पर पाबंदी, एनआरबी गवर्नर निलंबित

आर्थिक संकट का सामना कर रहे नेपाल की देऊबा सरकार ने असाधारण कदम उठाते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2022 9:08 AM

काठमांडू/नई दिल्ली : पाकिस्तान और श्रीलंका के बाद अब नेपाल में भी आर्थिक संकट का दौर शुरू हो गया है. श्रीलंका की तरह नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में भी तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. आलम यह कि विदेशी मुद्रा भंडार कम होने की वजह से नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) ने महंगे सामानों के आयात पर पाबंदी लगा दी है. इसके साथ ही, नेपाल की सरकार ने एनआरबी के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी को निलंबित कर दिया है और नीलम धुंगाना तिमिसिना को एनआरबी का नया गवर्नर बनाया गया है. महा प्रसाद अधिकारी को 17 अप्रैल 2020 को एनआरबी का गवर्नर नियुक्त किया गया था.

एनआरबी गवर्नर का वित्त मंत्री के साथ पैदा गए थे मतभेद

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्थिक संकट का सामना कर रहे नेपाल की देऊबा सरकार ने असाधारण कदम उठाते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी को निलंबित कर दिया है. अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर अधिकारी और देश के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा के बीच मतभेद पैदा हो गए थे. ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पुरुषोत्तम भंडारी की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था, जिसके बाद नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के गवर्नर अधिकारी को निलंबित कर दिया गया.

नेपाल में दूसरी बार निलंबित किए गए एनआरबी गवर्नर

रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के समय महा प्रसाद अधिकारी को छह अप्रैल, 2020 को एनआरबी का 17वां गवर्नर नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल पांच वर्ष का था. एनआरबी के गर्वनर को निलंबित करने का यह दूसरा मामला है. अधिकारी के निलंबन के बाद एनआरबी की डिप्टी गवर्नर नीलम धुंगाना तिमिसिना को कार्यवाहक गवर्नर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

सूत्रों ने बताया कि नेपाल की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत और तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से एनआरबी महा प्रसाद अधिकारी और वित्त मंत्री के बीच मतभेद शुरू हो गए थे. एनआरबी ने पिछले हफ्ते वाहनों और अन्य महंगी या लग्जरी वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने की घोषणा की थी. यह कदम नकदी की कमी और घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण उठाया गया था. आयात बढ़ने, पर्यटन एवं निर्यात से होने वाली आमदनी की कमी और भुगतान प्रवाह घटने के कारण नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई, 2021 से गिरावट आ रही है.

नेपाल के पास छह महीने तक आयात का पैसा

नेपाल के केंद्रीय बैंक एनआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के फरवरी महीने तक देश का विदेशी मुद्रा का कुल भंडार 17 फीसदी घटकर 9.75 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई 2021 के मध्य में 11.75 अरब डॉलर था. अब नेपाल के पास जितना विदेशी मुद्रा भंडार है, उससे महज छह महीने के लिए ही माल एवं सेवाओं का आयात किया जा सकेगा और यह केंद्रीय बैंक के न्यूनतम सात महीने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के लक्ष्य से कम है.

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मंत्रिमंडल ने पहले ही की थी सख्त कदम उठाने की मांग

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के देऊबा सरकार के मंत्रिमंडल की पिछले हफ्ते हुई बैठक में केंद्रीय बैंक एनआरबी के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी के कामकाज को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी. इस बैठक में सकार के गठबंधन सहयोगियों ने अर्थव्यवस्था की हालत पर गंभीर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा से ठोस कदम उठाने की मांग की थी.

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