मॉडर्ना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के छह माह बाद भी प्रभावकारिता 93 फीसदी पर स्थिर : स्टीफन बेंसेल
Moderna Vaccine, Corona vaccine second dose, Efficacy : नयी दिल्ली : अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना इंक ने गुरुवार को दावा किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के छह माह बाद भी 93 फीसदी तक प्रभावी है.
नयी दिल्ली : अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना इंक ने गुरुवार को दावा किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के छह माह बाद भी 93 फीसदी तक प्रभावी है. मालूम हो कि कंपनी ने क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन की प्रभावकारिता 94 फीसदी बतायी गयी थी.
मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी स्टीफन बेंसेल ने कहा है कि संक्रामक रोगों, कार्डियोवैस्कुलर, ऑन्कोलॉजी, दुर्लभ बीमारी और ऑटोम्यून्यून विकारों सहित पांच चिकित्सीय क्षेत्रों में क्लिनिकट परीक्षणों में मॉडर्ना एक उम्मीदवार हैं. इसके बावजूद उन्होंने कहा कि मानते हैं कि डेल्टा संस्करण एक महत्वपूर्ण नया खतरा है, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए.
कंपनी ने गुरुवार को बताया कि क्लिनिकल ट्रायल में बतायी गयी प्रभावकारिता में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हालांकि, कंपनी ने सर्दियों के मौसम से पहले बुस्टर डोज पर बल दिया है. क्योंकि, सर्दियों के मौसम में एंटीबॉडी का स्तर कम होने की उम्मीद होती है.
मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी स्टीफन बेंसेल ने एक बयान में कहा है कि वैक्सीन के परिणाम से हमें खुशी है कि मॉडर्ना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के चार से छह माह बाद भी प्रभावकारिता 93 फीसदी पर स्थिर है. इससे मॉडर्ना वैक्सीन की खुराक लेनेवाले करोड़ों लोगों को फायदा होगा.
मालूम हो कि साल की शुरुआत में मॉडर्ना ने तीसरे चरण के क्लिनिकट ट्रायल के परिणामों की जानकारी देते हुए बताया था कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन 94.1 फीसदी तक असरदार है. यह कोरोना के गंभीर संक्रमण में भी असरदार है.
मालूम हो कि भारत सरकार ने भी मॉडर्ना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदन की अनुमति दी थी. हालांकि, भारत को वैक्सीन मिलने की उम्मीद कम है. क्योंकि, मॉडर्ना ने कहा है कि इस साल कंपनी के पास क्षमता सीमित है. इसलिए आपूर्ति के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं लिया जा रहा है.
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